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उत्तर प्रदेश

सीएम योगी के नेतृत्व में सौर ऊर्जा से जगमग हो रहा उत्तर प्रदेश

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में ‘पीएम सूर्य घर योजना’ को उत्तर प्रदेश में नए आयाम मिल रहे हैं। केंद्र की योजनाओं को प्रदेश के विकास से जोड़ते हुए योगी सरकार ने यूपी को सौर ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में शीर्ष राज्यों में ला खड़ा किया है। बिजली बचत, आय वृद्धि और हरित ऊर्जा के लक्ष्य को पूरा करने वाली इस योजना से प्रदेश के लाखों घर लाभान्वित हो रहे हैं।

प्रदेश सरकार की सक्रियता का ही परिणाम है कि उत्तर प्रदेश, सोलर रूफटॉप इंस्टालेशन के मामले में गुजरात और महाराष्ट्र के बाद देशभर में तीसरे स्थान पर है। अब तक प्रदेश में 53 हजार से अधिक सोलर रूफ टॉप पैनल लगाए जा चुके हैं। सरकार का लक्ष्य अगले तीन वर्षों में 25 लाख सोलर रूफटॉप पैनल लगाने का है। योजना को जनता तक पहुंचाने में मिली सफलता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अब तक 18 लाख से अधिक पंजीकरण हो चुके हैं, जिनमें से 32 हजार से अधिक घरों में पैनल का इंस्टालेशन भी पूरा कर लिया गया है।

सब्सिडी के लाभ से घरों में सौर ऊर्जा को सुलभ बना रही योगी सरकार

पीएम सूर्य घर योजना के तहत सरकार सोलर रूफटॉप लगाने के लिए आकर्षक सब्सिडी प्रदान कर रही है। 1 किलोवॉट क्षमता के पैनल के लिए केंद्र सरकार 30 हजार रुपए और प्रदेश सरकार 15 हजार रुपए की सहायता देती है, यानी कुल 45 हजार रुपए की सब्सिडी। इसी तरह, 2 किलोवॉट के पैनल के लिए केंद्र सरकार द्वारा 60 हजार और योगी सरकार द्वारा 30 हजार, कुल 90 हजार रुपए की सहायता लाभार्थियों को दी जा रही है। वहीं, 3 किलोवॉट या उससे ऊपर के पैनल के लिए केंद्र की ओर से 78 हजार रुपए और राज्य सरकार की ओर से 30 हजार रुपए की सब्सिडी मिलाकर 1 लाख 8 हजार रुपए तक की सहायता दी जा रही है।

लाभार्थियों को मिल रही है बिजली बिल के बोझ से राहत

इस योजना का सीधा फायदा उन घरों को मिल रहा है जो बिजली बिल के बोझ से राहत पाना चाहते हैं। सोलर पैनल लगवाने से न केवल बिजली के बिलों में भारी कमी आ रही है, बल्कि लोग अतिरिक्त ऊर्जा का उपयोग करके आय में वृद्धि भी कर रहे हैं। खास बात यह है कि सौर ऊर्जा के उपयोग से पर्यावरण को भी स्वच्छ और हरित बनाया जा रहा है। योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए शहरी स्थानीय निकायों और पंचायतों को सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इससे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा मिल रहा है।

योजना की मॉनीटरिंग खुद कर रहे सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी में 25 लाख सोलर रूफटॉप पैनल लगाने का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए प्रदेश के सातों डिस्कॉम और हर जिले के लिए स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित किया गया है। योजना के सुचारू क्रियान्वयन के लिए मुख्यमंत्री स्वयं इसकी मॉनीटरिंग कर रहे हैं। आरईसी, डिस्कॉम्स और वेंडर्स के साथ समन्वय स्थापित कर इस योजना में आने वाली हर चुनौती का समाधान किया जा रहा है। यह योजना न केवल बिजली के संकट को दूर करने में सहायक है, बल्कि इससे प्रदेश को आत्मनिर्भर और हरित ऊर्जा से संपन्न राज्य बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।

हरित प्रदेश का निर्माण में सहायक हो रहा है पीएम सूर्य घर योजना

पीएम सूर्य घर योजना के तहत न केवल बिजली बचत की दिशा में सफलता मिल रही है, बल्कि यह योजना रोजगार के नए अवसर भी पैदा कर रही है। सोलर पैनल इंस्टालेशन से तकनीकी विशेषज्ञों, श्रमिकों और अन्य संबंधित क्षेत्रों में काम करने वालों के लिए रोजगार के द्वार खुले हैं। इसके अलावा, सौर ऊर्जा के उपयोग से प्रदेश में कार्बन उत्सर्जन को कम करने में भी मदद मिल रही है। पर्यावरण संरक्षण की दिशा में यह योजना एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है। जनता को राहत, रोजगार और पर्यावरण संरक्षण के इस अद्भुत संगम से यूपी आने वाले वर्षों में ऊर्जा क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बनने की ओर अग्रसर है।

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उत्तर प्रदेश

अपराधों पर सजा दिलाने में योगी सरकार अव्वल

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लखनऊ: यूपी विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को विपक्ष द्वारा महिला हिंसा और उत्पीड़न के मुद्दे पर गलत आंकड़े पेश करने पर कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना ने करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि योगी सरकार में कानून व्यवस्था सबसे मजबूत हुई है। पिछले साढ़े सात वर्षों में यूपी में महिला समेत हर प्रकार के अपराध में गिरावट दर्ज की गई है। अपराधियों को सजा दिलाने में भी प्रदेश सरकार सबसे ज्यादा सफल हुई है। उन्होंने विपक्ष के सवालों को जवाब देते हुए कहा कि 1 जनवरी 2024 से 30 नवंबर के बीच 1090 वीमेन पावर लाइन पर 4,18,504 शिकायतें दर्ज की गईं। इसमें 4 लाख 9 हजार 912 शिकायतों का निस्तारण किया गया। इसका रेश्यो 97.95 प्रतिशत है। वहीं पेंडिंग 8,592 मामलों के निस्तारण के लिए कार्रवाई की जा रही है।

दहेज मृत्यु के मामलों में गिरावट

कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि दहेज मृत्यु के मामले में भी लगातार कमी दर्ज की गई है। वर्ष 2017 में 2524 मामले सामने आए थे। 1 जनवरी 2024 से 31 अक्टूबर तक इस पर 1418 केस दर्ज किए गए। वर्ष 2023 में दहेज मृत्यु की 2061 घटनाएं दर्ज की गईं। उन्होंने कहा कि अपराधियों को सजा दिलाने की बात है तो सरकार ने जितनी तेजी से प्रॉसिक्यूशन को मजबूत करते हुए कन्विक्शन कराया है। अभी तक उत्तर प्रदेश सरकार के इतिहास में किसी की सरकार ने नहीं किया।

अपराधों पर सजा दिलाने में योगी सरकार अव्वल

संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि पॉक्सो एक्ट में 2017 में 415 लोगों को सजा हुई। वहीं 2018 में 631 लोगों को सजा हुई। वर्ष 2019 में 665 और 2020 में 535 और 2021 में 1230, 2022 में 2313 और 2023 में 2841 और अभी इस वर्ष 1 जनवरी से 15 दिसंबर तक 2440 लोगों को सजा दिलाने में सफलता हासिल की गई। स्पेशल अभियान चलाकर 1 जुलाई 2023 से लेकर 11 दिसंबर 2024 तक 48 मृत्युदंड दिए गए। इसी अवधि में 6065 मामलों में आजीवन कारावास, 1046 मामलों में 20 वर्ष और उससे अधिक सजा, 73 मामलों में 15 से 19 वर्ष की सजा, 3610 मामलों में 10 से 14 वर्ष की सजा, 5564 मामलों में 5 से 9 वर्ष की सजा और 22298 मामलों में पांच वर्ष से कम की सजा दिलाने में सफलता मिली।

दुष्कर्म के मामले में तेजी से हो रही कार्रवाई

सुरेश खन्ना ने कहा कि जब से भारतीय न्याय संहिता आई, इसमें 1 जुलाई से लेकर 12 दिसंबर तक 29 लोगों को सजा हुई है। सुरेश खन्ना ने एनसीआरबी के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि अभी तक वर्ष 2022 तक की रिपोर्ट उपलब्ध है, उसके मुताबिक हर क्षेत्र में महिलाओं से संबंधित अपराध में गिरावट दर्ज की गई है। दुष्कर्म के मामले में पूरे देश में यूपी का 24वां स्थान है। इस तरह देश के 23 राज्य यूपी से आगे हैं। सुरेश खन्ना ने कहा कि धारा-354 के मामले में यूपी का 17वां स्थान है। इसके अतिरिक्त हत्या के मामलों पर नजर डालें तो 1 जनवरी 2024 से लेकर 30 नवंबर 2024 तक 245 मामले दर्ज किए गए। वहीं 2022 में 175, 2023 में 141 और 2024 में अभी तक 126 मामले दर्ज किए गए। इसमें 48.57 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। इसी तरह महिलाओं के विरुद्ध दहेज मृत्यु में 16.68 प्रतिशत की कमी आई है। दुष्कर्म में 25.34 प्रतिशत, शीलभंग में 14.31 फीसदी की कमी आई है। भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के क्राइम में उत्तर प्रदेश से 19 राज्य ऊपर हैं।

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