प्रादेशिक
मादक पदार्थों की पैदावार का गढ़ बनी कुल्लू घाटी
विशाल गुलाटी
कुल्लू (हिमाचल प्रदेश)। पश्चिमी हिमालय की दुर्गम घाटियां और ऊंचे पहाड़ एक ऐसी वजह से चर्चा में हैं, जिसका संबंध इनकी खूबसूरती से न होकर अपराध से है। पुलिस रिकार्ड बता रहे हैं कि यह इलाका गांजे और अफीम की पैदावार के मामले में देश में पहले स्थान पर है और यहां से इन्हें यूरोप भेजा जा रहा है। मादक पदार्थ और आनन-फानन में कमाई की चाहत विदेशियों को हिमाचल के इन अनजान-से इलाकों की तरफ खींच रही है। विदेशी यहां मादक पदार्थो के असंगठित कारोबार का हिस्सा बन गए हैं।
पुलिस के मुताबिक, अकेले कुल्लू घाटी में पचास हजार एकड़ में गांजे की खेती हो रही है। पिछले पांच सालों में 70 विदेशी मादक पदार्थ निरोधी कानून के तहत पकड़े जा चुके हैं। हिमाचल के पूर्व पुलिस प्रमुख आई.डी. भंडारी कहते हैं कि सबसे बड़ी चुनौती कुल्लू, मंडी, चंबा, शिमला और सिरमौर जिलों के उन इलाकों की है, जहां पहुंचना आसान नहीं होता और जहां गांजे और अफीम की बड़े पैमाने पर खेती हो रही है।
भंडारी ने बताया कि सस्ते और बढ़िया किस्म के गांजे की चाहत विदेशियों को बड़ी संख्या में यहां ला रही है। गरीब स्थानीय लोगों के लिए यह फसल सर्वाधिक फायदे का सौदा साबित हो रही है। सरकार जितना इस पर रोक लगाने की कोशिश कर रही है, उतना ही ज्यादा इनकी खेती बढ़ रही है। कुल्लू से पचास किलोमीटर दूर मलाना की वादियों में मलाना क्रीम बनती है। यह गांजे से बनाई गई उम्दा किस्म की हशीश होती है और इसकी पश्चिम में काफी मांग है।
भंडारी ने कहा कि पुलिस ने मलाना की मैजिक वैली में बड़े पैमाने पर इनकी फसल नष्ट की थी। लेकिन स्थानीय लोगों की मदद के बगैर इस समस्या को जड़ से खत्म नहीं किया जा सकता। कुल्लू-मनाली में मादक पदार्थों के धंधे में विदेशियों की भागीदारी नई बात नहीं है। कुछ यहां से जाते ही नहीं। कुछ स्थानीय महिलाओं से विवाह कर यहीं बस जाते हैं। एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि पर्याप्त संख्या बल न होने की वजह से इन विदेशियों पर पुलिस काबू नहीं पा सकी है।
नारकोटिक्स ब्यूरो के पूर्व अफसर ओपी शर्मा ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स माफिया हालैंड और रूस से ज्यादा पैदावार वाले गांजे के बीज स्थानीय किसानों को देते हैं। गांजे और इससे बनी चीजों को फिर यहां से इजरायल, इटली, हालैंड और अन्य यूरोपीय देशों को भेज दिया जाता है। राजनीतिक दलों के नेताओं का कहना है कि गांजे की खेती को कानूनी मान्यता देकर इसके आर्थिक लाभ का फायदा उठाना चाहिए। उनका कहना है कि बहुत से परिवार इस पर निर्भर हैं। लेकिन सभी नेता गांजे से बनने वाले अन्य मादक पदार्थो के खिलाफ हैं और इस पर रोक की बात कहते हैं।
भाजपा सांसद वीरेंद्र कश्यप का कहना है कि गांजे की खेती को कानूनी मान्यता देना ही इस समस्या का समाधान होगा। पूर्व भाजपा सांसद और अब हिमाचल लोकहित पार्टी के कुल्लू से विधायक महेश्वर सिंह ने कहा कि घाटी में सदियों से गांजे की खेती होती रही है। इसे कानूनी मान्यता देने से हजारों गांववालों को राहत मिलेगी।
राज्य पुलिस ने 2014 में एनडीपीएस एक्ट के तहत 644 मामले दर्ज किए थे और 755 लोगों को गिरफ्तार किया था।
उत्तर प्रदेश
संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद
संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।
इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।
इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।
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