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प्रादेशिक

उप्र : नाबार्ड ने 19 वर्षो में दिए 16 हजार करोड़ रुपये

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लखनऊ| देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के विकास में राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) भी अहम भूमिका निभा रहा है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि ग्रामीण अवस्थापना विकास निधि (आरआईडीएफ ) के जरिये नाबार्ड पिछले 19 वर्षो में उप्र की 66923 अवस्थापना परियोजनाओं के लिए 16826 करोड़ रुपये की सहायता कर चुका है। उप्र में नाबार्ड के महाप्रबंधक (प्रभारी अधिकारी) प्रभाकर बेहरा ने बताया कि नाबार्ड ने ग्रामीण अवस्थापना (इन्फ्रास्ट्रक्चर) विकास निधि (आरआईडीएफ) के अंतर्गत पिछले 19 वर्षो के दौरान राज्य सरकार को 66923 इन्फ्रास्ट्रक्च र परियोजनाओं के लिए 16826 करोड़ रुपये की राशि आवंटित कर चुकी है।

बेहरा के मुताबिक इस धनराशि का उपयोग सिंचाई, वाटरशेड, ग्रामीण आवागमन, पशुपालन, वानिकी, भवनों के निर्माण, बाढ़ से बचाव जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में की गईं और इन परियोजनाओं से किसानों के साथ-साथ समस्त ग्रामीण जनता को काफी लाभ हुआ।

बेहरा ने बताया कि आरआईडीएफ के तहत कुछ बड़ी परियोजनाएं भी चलायी जा रही हैं। इलाहाबाद में ज्ञानपुर पंप नहर परियोजना, ललितपुर में भाओनी बांध परियोजना, सोनभद्र में बाणसागर बांध परियोजना, कुम्हरिया घाट में घाघरा पुल परियोजना तथा बुलंदशहर में गंगा पुल परियोजना शामिल है। बेहरा की मानें तो नाबार्ड की आरआईडीएफ परियोजनाओं के अंतर्गत आधारभूत संरचना के निर्माण से राज्य में 45 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि को सिंचाई के साधन उपलब्ध करा कृषि योग्य बनाया गया है।

बेहरा ने बताया, “23 लाख हेक्टेयर भूमि के लिए बाढ़ से बचाव की व्यवस्था की गई है और 15 लाख हेक्टेयर परती भूमि को कृषि योग्य बनाया गया है। आरआईडीएफ निधि से राज्य में 38457 किलोमीटर पक्की सड़कों का निर्माण किया गया है और 681 पुल बनाए गए हैं।” उन्होंने बताया कि वर्ष 2014-15 के दौरान नाबार्ड ने राज्य में नई परियोजनाओं के लिए सरकार को 2000 करोड़ रुपये की राशि देने की प्रतिबद्घता जताई है और इसमें से 604 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की जा चुकी है।

बकौल बेहरा, “इस वर्ष 2014-15 के लिए स्वीकृत परियोजनाओं में ललितपुर की पथरी पिक अप वियर परियोजना तथा गोरखपुर में घाघरा सिंचाई परियोजना प्रमुख है। इसके अलावा 300 करोड़ रुपये की परियोजनाएं फिलहाल विचाराधीन हैं।” इन पारंपरिक गतिविधियों के अलावा नाबार्ड ने राज्य में वेट तथा ड्राई स्टोरेज सुविधाओं के निर्माण के लिए एक अलग ऋण सीमा निर्धारित की है। इसके तहत राज्य के लिए 260 करोड़ रुपये की राशि की व्यवस्था की गई है। ज्ञात हो कि वर्ष 2014-15 के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार ने आरआईडीएफ के तहत वित्तपोषण के लिए जिन क्षेत्रों को प्राथमिकता दी है उनमें सिंचाई, ग्रामीण सड़क और पुल तथा वाटरशेड, वर्षा जल प्रबंधन, बाढ़ से बचाव इसके अलावा पशुपालन, मत्स्यपालन, शिक्षा, वानिकी जैसे क्षेत्र शामिल हैं।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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