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नेशनल

जयललिता 5वीं बार मुख्यमंत्री बनीं, 28 मंत्रियों ने भी शपथ ली

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चेन्नई। आय से अधिक संपत्ति के मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट से बरी होने के एक पखवाड़े के भीतर एआईएडीएमके महासचिव जे. जयललिता ने शनिवार को पांचवीं बार तमिलनाडु की मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। राज्यपाल के. रोसैया ने खचाखच भरे मद्रास युनिवर्सिटी सेंटीनरी ऑडिटोरियम में आयोजित शपथ-ग्रहण समारोह में 67 वर्षीय जयललिता को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। राज्यपाल ने मंत्रिमंडल के अन्य सदस्यों को भी पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। तमिलनाडु की 14वीं विधानसभा में जयललिता बतौर मुख्यमंत्री 29 सदस्यीय मंत्रिमंडल का नेतृत्व करेंगी।

जयललिता के मंत्रिमंडल में वही लोग शामिल हैं, जो पूर्ववर्ती ओ. पन्नीरसेल्वम के मंत्रिमंडल में थे। उनके विभागों में भी बदलाव नहीं किया गया है। हालांकि पूववर्ती सरकार में वन मंत्री रहे एम.एस.एम. आनंद और बिना किसी विभाग के मंत्री रहे पी. चेंदुर को नए मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है। गृह एवं सामान्य प्रशासन विभाग जयललिता ने अपने पास ही रखे हैं, जबकि पन्नीरसेल्वम पहले की तरह वित्त एवं लोक कार्य विभाग संभालेंगे।

जयललिता के आवास से लेकर शपथ-ग्रहण समारोह स्थल तक समर्थकों की लंबी कतार लगी थी। एआईएडीएमके और जयललिता समर्थकों में जबरदस्त उत्साह देखा गया। शपथ-ग्रहण समारोह में केंद्रीय मंत्री पी. राधाकृष्णन और एच. राजा, एल. गणेशन तथा शरतकुमार जैसे अन्य राजनेता भी शामिल थे। फिल्म जगत से अभिनेता रजनीकांत, प्रभु गुंडू कल्याणम, संगीत निर्देशक इलैयाराजा तथा अन्य समारोह में शरीक हुए।

एआईएडीएमके के कार्यकर्ताओं ने विभिन्न मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना भी की। एआईएडीएमके ने वर्ष 2011 में विधानसभा चुनाव जीता था और तब जयललिता मुख्यमंत्री बनी थीं। लेकिन पिछले साल सितंबर में बंगलुरु की एक अदालत ने उन्हें 18 साल पुराने आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी ठहराया था। अदालत ने उन्हें चार साल कैद की सजा सुनाई थी और उन पर 100 करोड़ रुपये का जुर्माना भी किया था।

बाद में हालांकि कर्नाटक हाईकोर्ट ने निचली अदालत के इस फैसले के खिलाफ जयललिता की अपील स्वीकार करते हुए उन्हें सभी आरोपों से बरी कर दिया। न्यायालय के आदेश के 15 दिनों के भीतर उन्होंने एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी संभाली है। एआईएडीएमके के विधायकों ने शुक्रवार को पार्टी कार्यालय में हुई विधायक दल की बैठक में उन्हें अपना नेता चुना था, जिसके बाद ओ.पन्नीरसेल्वम ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। राज्यपाल ने उनका इस्तीफा स्वीकार करते हुए जयललिता को सरकार बनाने का निमंत्रण दिया था।

नेशनल

महाराष्ट्र में बोले अमित शाह- शरद पवार की चार पुश्तें भी जम्मू-कश्मीर में धारा 370 वापस नहीं ला सकती

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नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र के सांगली में एक जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी, कांग्रेस और महाविकास अघाड़ी गठबंधन पर जमकर हमला बोला। अमित शाह ने कहा, “मैं एमवीए वालों से पूछने आया हूं कि औरंगाबाद का नाम संभाजी नगर होना चाहिए या नहीं?

अमित शाह ने आगे कहा, ”अभी-अभी जम्मू कश्मीर के असेंबली में मीटिंग हुई, नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ कांग्रेस पार्टी ने भी एक संकल्प किया कि धारा 370 वापस लाइए, कश्मीर जो है भारत का अभिन्न यंग नहीं है। मैं आज संभाजी महाराज की भूमि पर कह कर जा रहा हूं- शरद पवार साहब, चाहे आपकी चार पुश्ते भी आ जाएं, हम धारा 370 को वापस नहीं आने देंगे।”

अमित शाह यहीं पर नहीं रुके। उन्होंने राम मंदिर का जिक्र करके कांग्रेस पार्टी पर हमला किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी 75 साल से राम मंदिर को लटका रही थी। राहुल गांधी अयोध्या नहीं गए, उन्हें वोट बैंक से डर लगता है। हम बीजेपी वाले उस वोट बैंक से नहीं डरते हैं. हमने काशी विश्वनाथ का कॉरिडोर भी बनाया, सोमनाथ का मंदिर भी सोने का बन रहा है। उन्होंने आगे कहा कि यहां पर तुष्टिकरण की राजनीति चल रही है, इसे रोकने का एकमात्र रास्ता बीजेपी की सरकार है। महायुति की सरकार है।

 

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