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प्रादेशिक

मोदी शासन में बजट कटौती व लोकतंत्र की हत्या हुई : कांग्रेस

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कोलकाता | भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर कांग्रेस ने जनता को धोखा देने का आरोप लगाया। साथ ही पार्टी ने रविवार को कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के बजट में कटौती और ‘लोकतंत्र की हत्या’ के लिए जाना जाएगा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने संवाददाताओं से कहा, “मोदी ने बड़े-बड़े वादे किए थे और जनता ने उन्हें निर्णायक जनादेश भी दिया, लेकिन अब उनकी पार्टी इन वादों को ‘चुनावी जुमला’ बता रही है। भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह इन वादों का जुमला बता रहे हैं। इसीलिए शाह को अपनी पार्टी का नाम बदलकर भारतीय जुमला पार्टी (भाजुपा) रखने पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।”

जयराम रमेश का इशारा भाजपा अध्यक्ष के उस बयान की ओर था, जिसमें उन्होंने कहा था कि विदेशों से वापस लाए जाने वाले काले धन से प्रत्येक भारतीय के बैंक खाते में 15 लाख रुपये जमा कराए जाने वाली बात केवल एक राजनीतिक जुमला था। अमित शाह ने यह बात एक साक्षात्कार के दौरान कही थी। मोदी सरकार के एक साल पर टिप्पणी करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पहले से ही मौजूद योजनाओं को नए सिरे से पेशकर अपना बताने, लोकतंत्र की हत्या करने और प्रमुख क्षेत्रों के बजट आवंटन में कटौती इस सरकार के कार्यकाल की विशेषताएं हैं। उन्होंने कहा, “मोदी सरकार के एक साल के कार्यकाल का उल्लेख लोकतंत्र की हत्या के रूप में किया जा सकता है। पिछले एक साल में उन्होंने संसद को पूरी तरह से नजरअंदाज किया है। इस दौरान 53 विधेयक पारित हुए हैं और उनमें से केवल पांच विधेयक ही स्थायी समिति को भेजे गए हैं।”

जयराम ने कहा, “उन्होंने एक भी सर्वदलीय बैठक नहीं बुलाई। गैर सरकारी संगठनों को बुरी तरह परेशान किया जा रहा है और इस सरकार ने गड़बड़ियों की जांच के लिए अभी तक केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) और केंद्रीय सूचना आयुक्त (सीआईसी) की नियुक्ति नहीं की है।” उन्होंने कहा, “भारतीय जनता पार्टी अधिकतम प्रशासन और न्यूनतम सरकारी हस्तक्षेप के नारे के साथ सत्ता में आई थी, लेकिन वास्तविकता में यह व्यक्ति-केंद्रित और अधिकतम अहंकार वाली सरकार है। इसके सभी मंत्री और सांसदों का कोई अस्तित्व ही नहीं है।” राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार पर पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार की योजनाओं को नया रूप देकर उनका श्रेय लेने का आरोप लगाते हुए जयराम रमेश ने मोदी पर विभिन्न मुद्दों पर अपनी राय बदल लेने का भी आरोप लगाया।

उन्होंने कहा, “गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने जीएसटी, अमेरिका के साथ परमाणु समझौते का विरोध किया था और संप्रग सरकार के भूमि विधेयक का समर्थन किया था, अब उन्हें उसमें खामियां दिख रही हैं। उन्होंने लगातार कई मुद्दों पर अपनी राय बदल ली और अब किसान विरोधी भूमि अधिग्रहण विधेयक पास कराने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं।” उन्होंने कहा, “इस सरकार की एक अन्य विशेषता शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, पानी, कृषि और महिला एवं बाल कल्याण के क्षेत्रों के लिए बजट आवंटन में भारी कटौती है। सभी प्रमुख क्षेत्रों के बजट आवंटन में कटौती की गई है। यह मोदी सरकार के एक साल का रिपोर्ट कार्ड है।” जयराम रमेश ने कहा, “अपनी सरकार के पहले साल के कार्यकाल में मोदी यदा-कदा ही भारत में रहे हैं। जब अटल बिहारी वाजपेयी विदेश मंत्री थे, तो उन्हें अपनी विदेश यात्राओं के कारण गगन विहारी वाजपेयी कहा जाने लगा था। लेकिन मोदी पूरे विश्व का दौरा कर रहे हैं, इसीलिए वह ब्रह्मांड विहारी बन गए हैं।”

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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