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प्रादेशिक

मणि भी झूठ पकड़ने वाली मशीन का सामना करें : माकपा

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तिरुवनंतपुरम | केरल में मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने वित्तमंत्री के.एम. मणि पर बार मालिकों से रिश्वत लेने का आरोप लगाते हुए उनके इस्तीफे की मांग दोहराई। माकपा ने सोमवार को कहा कि मणि को भी लाइडिटेक्टर परीक्षण से गुजरना चाहिए। माकपा के राज्य सचिव कोडियेरी बालाकृष्णन ने कहा कि यदि मणि इस्तीफा नहीं देते हैं, तो केरल सरकार को उन्हें मंत्री पद से निष्कासित करना चाहिए।

मीडिया में रविवार को आई उन खबरों के बाद मणि के इस्तीफे और लाइडिटेक्टर परीक्षण की मांग एक बार फिर तेज हो गई, जिनमें कहा गया कि बीते सप्ताह बार मालिक बीजू रमेश के चालक का लाइडिटेक्टर परीक्षण कराया गया, जिससे इस बात की पुष्टि हो गई कि राज्य सतर्कता विभाग के समक्ष दिया गया उसका बयान सच था। बालाकृष्णन ने कहा, “चालक अंबिली लाइडिटेक्टर परीक्षण के दौरान दिए गए बयान से यह स्पष्ट हो गया कि उसने पूर्व में सतर्कता विभाग के समक्ष भी यही बयान दिया था। अब मणि को इस्तीफा देना चाहिए और यदि वह ऐसा नहीं करते हैं, तो केरल सरकार को उन्हें पद से निष्कासित करना चाहिए।”

अंबिली ने सतर्कता विभाग के समक्ष पिछले महीने यह बयान दिया था कि उसने केरल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डी. राजकुमार उन्नी को मणि के आधिकारिक आवास में उन्हें रुपये सौंपते हुए देखा था। दूसरी तरफ, मणि ने कहा कि सतर्कता विभाग की जांच चल रही है, इसलिए उन्हें इस बारे में कुछ भी नहीं कहना है। मणि ने संवाददाताओं से कहा, “मुझे कुछ नहीं कहना है और मेरा कुछ कहना उचित भी नहीं है।” मणि की पार्टी के नेता इस बात से खफा हैं कि न्यायालय को सौंपी गई अति गोपनीय रिपोर्ट मीडिया में सार्वजनिक कैसे हो गई। राज्य के गृहमंत्री रमेश चेन्निथला ने कहा कि यह हैरत की बात है कि रिपोर्ट मीडिया में सार्वजनिक हो गई। उन्होंने कहा, “यह खबर कहां से लीक हुई, इस बात की जांच की जाएगी।” विपक्ष के नेता वी.एस. अच्युतानंदन ने कहा कि मणि की पार्टी और पार्टी के नेता अब बेवकूफाना बहाने बना रहे हैं और रिपोर्ट लीक होने की जांच कराना चाहते हैं।

अच्युतानंदन ने कहा, “कृपया, इस्तीफा दें और लोगों के धर्य की और परीक्षा न लें। सारे सबूत उनके खिलाफ हैं और अब यदि सतर्कता विभाग उनका लाइडिटेक्टर परीक्षण कराता है, तो उनकी करतूतों का भंडाफोड़ हो जाएगा, तो बेहतर है कि इससे पहले इस्तीफा दे दें।” इस बीच, सतर्कता विभाग महीने के अंत में अपनी रिपोर्ट सौंपने वाला है, जिस पर सबकी नजरें टिकी हैं।

उत्तर प्रदेश

योगी सरकार के प्रयासों से दिव्य, भव्य अयोध्या में फिर से लौटने लगा ‘राम राज्य’

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अयोध्या। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार के प्रयासों से दिव्य और भव्य अयोध्या में एक बार फिर से रामराज्य लौटने लगा है। इसे भवगान श्रीराम की विशेष कृपा ही कहेंगे कि अयोध्या में ऑनलाइन की जाने वाली शिकायतों का समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण ढंग से निस्तारण हो रहा है। हर शिकायतों का प्राथमिकता के आधार पर समाधान किया जा रहा है। ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि मुख्यमंत्री कार्यालय से आई एक अक्टूबर की रिपोर्ट बता रही है, जिसमें जिले के 19 में से 18 थाने प्रदेश में पहली रैंक पर आए हैं। इसमें कोतवाली नगर टॉप पर है।

जनपद पुलिस ने आईजीआरएस यानि एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली पोर्टल पर ऑनलाइन आने वाली जन शिकायतों के समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण में पहली रैंक प्राप्त की है। पिछले कई महीनों बाद यह मौका आया है, जब अयोध्या पुलिस को यह सफलता मिली है। एसएसपी ने बेहतर प्रदर्शन करने वाले थानेदारों को सराहते हुए फेहरिस्त में निचले पायदान पर मौजूद थाने को बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित किया है। प्रदेश सरकार ने जनता की शिकायतों के निस्तारण के लिए आईजीआरएस पोर्टल की व्यवस्था तैयार की है। नियमानुसार, इस पोर्टल पर आने वाली ऑनलाइन शिकायत का 30 दिन के भीतर गुणवत्तापरक तरीके से निस्तारण करना होता है। समय समय पर इन शिकायतों से जुड़ा फीडबैक लखनऊ में बैठे आला अफसर लेते हैं। डिफाल्टर या असंतोष की स्थिति में शिकायतों को वापस लौटाया जाता है, ताकि उनका निस्तारण हो सके। जनपद में अक्टूबर माह में 19 थानों में तकरीबन 2700 शिकायतें आईजीआरएस पर हुई हैं। 100 फीसदी शिकायतों का निस्तारण हो चुका है।

नगर कोतवाली नंबर वन

एसपी ग्रामीण बलवंत चौधरी ने बताया कि आईजीआरएस के पोर्टल पर दर्ज शिकायतों के निस्तारण के मामले में कोतवाली नगर ने बाजी मारी है। इसके बाद सर्वाधिक शिकायतों को हल कर दूसरे नम्बर पर स्थान बनाने वाला थाना इनायतनगर है। बताया जाता है कि पुलिस में आई सभी ऑनलाइन शिकायतों के निस्तारण के लिए एक दारोगा मौके पर अवश्य जाता है। वहां से जीपीएस की तस्वीरें आती हैं, जिससे पता चलता है मामले को निपटाने में पुलिस दिलचस्पी दिखाती है।

रैंक वार थाना – प्राप्त शिकायतें व निस्तारण

1- कोतवाली नगर- 354
2- इनायतनगर- 297
3- अयोध्या कोतवाली- 272
4- कोतवाली बीकापुर- 243
5- महराजगंज- 241
6- रौनाही- 227
7- रुदौली- 209
8- गोसाईगंज- 160
9- तारुन- 156
10- खंडासा- 140
11- हैदरगंज- 133
12- कैंट- 112
13- कुमारगंज- 89
14- रामजन्मभूमि- 85
15- पटरंगा- 66
16- बाबा बाजार- 61
17- मवई- 59
18- थाना महिला- 48
19- पूराकलंदर- 324

नोट- थाना पूराकलंदर ने ऑनलाइन शिकायत पत्र देखने में देरी लगाई। इस कारण उसकी रैंक बहुत गिर गई है।

क्‍या है आइजीआरएस

एसएसपी राजकरण नैयर ने बताया कि आईजीआरएस जनसुनवाई के लिये एक आनलाइन माध्यम है। इस माध्यम से किसी भी व्यक्ति को शिकायत करने के लिये कहीं चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ती है‌। पीड़ित व्यक्ति इसके पोर्टल पर आनलाइन शिकयत दर्ज कराता है। संबंधित विभाग उसकी जांच कराकर निस्तारण कराने का प्रयास करता है। इस माध्यम से दर्ज कराई गई शिकायत पर जवाबदेही भी रहती है। शिकायत की हर स्थित से शिकायतकर्ता को जानकारी भी मिलती है।

प्रत्‍येक माह होती है शासन स्‍तर पर समीक्षा

आईजी प्रवीण कुमार ने बताया कि जनसुनवाई के इस पोर्टल पर दर्ज कराई गई शिकायतों के निस्तारण की प्रत्येक माह शासन स्तर पर समीक्षा होती है। आईजीआरएस पर दर्ज कराई गई शिकायतों के निस्तारण का फीडबैक लेते हुए शासन के मानकों के हिसाब से पीड़ित संतुष्ट है या असंतुष्ट, इसकी समीक्षा करके रैंक जारी की जाती है। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश रहेगी अयोध्या के सभी थाने हमेशा अग्रणी रहें।

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