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मुख्य समाचार

ओवरकार्ट ने किताबों की दुनिया में रखा कदम

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नई दिल्ली| ऑनलाइन मार्केटप्लेस ओवरकार्ट अब किताबों की भी बिक्री करने जा रही है। ओवरकार्ट अन्य ई-मार्केटप्लेस से अलग बचा हुआ माल, अनबॉक्स्ड माल, इस्तेमाल किए हुए और नए जैसे बनाए गए माल का विपणन करती है।

कंपनी नए जैसे बनाए हुए इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं की बिक्री करती है और गैर इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र में अपना विस्तार करने के लिए उसने अपने बोर्ड में इस्तेमाल की हुई किताबों की ऑनलाइन विक्रेता कंपनी मैडबुक्स डॉट कॉम के सह-संस्थापक शीष रोहिल को शामिल किया है।

रोहिल ने कहा, “किताबों का मूल्य उतनी तेजी से नहीं घटता, जितनी तेजी से इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं का मूल्य घटता है और किताबों का मूल्य पढ़ लिए जाने के बाद भी बरकरार रहता है। इस मामले में भी आपूर्ति प्रतिष्ठित रिटेलरों के पास बचे हुए सामानों से होगी।”

उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य ग्राहकों को कम कीमत पर गुणवत्तापूर्ण किताबें पढ़ने की सुविधा उपलब्ध कराना है।”

उन्होंने आगे कहा कि अगले सप्ताह लांचिंग के बाद किताबें तीन मूल्य श्रेणियों-49 रुपये, 99 रुपये और 149 रुपये में उपलब्ध कराई जाएगी।

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नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 रुपये के बदले देना पड़ेगा 35,453 रुपये, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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