मुख्य समाचार
श्रीनगर में अस्थायी सरकारी कर्मियों पर लाठीचार्ज, 100 घायल
श्रीनगर। जम्मू एवं कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में गुरुवार को राज्य के अस्थायी सरकारी कर्मचारियों ने नियमित किए जाने में टालमटोल को लेकर रैली निकाली और सचिवालय को घेरने का प्रयास किया, जिसके बाद भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और पानी की बौछार छोड़नी पड़ी। रैली और प्रदर्शन का आयोजन एंप्लॉइज ज्वाएंट एक्शन कमिटी (ईजेएसी) ने किया था। समिति ने बीते सप्ताह ही घोषणा की थी कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे सचिवालय का घेराव करेंगे।
ईजेएसी के अध्यक्ष कयूम वनी ने बताया कि यह विडंबना ही है कि राज्य सरकार हमारी मांगें मानने के बजाय हमारे विरोध को दबाने के लिए बल प्रयोग कर रही है। पुलिस ने वनी सहित 12 से अधिक प्रदर्शनकारी सरकारी कर्मचारियों को गिरफ्तार कर सचिवालय के निकटवर्ती पुलिस थाने में बंद कर दिया। इससे पहले, प्रदर्शनकारियों का समूह सचिवालय के घेराव के लिए वहां पहुंचा, जहां मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, वरिष्ठ मंत्रियों और नौकरशाहों के कार्यालय हैं।
उधर, प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों को सचिवालय भवन में प्रवेश करने से रोकने के लिए बड़ी संख्या में वहां पुलिस को तैनात किया और प्रदर्शनकारियों के साथ सख्ती बरतने के निर्देश दिए। वनी ने आरोप लगाया, “लाठीचार्ज में 100 से ज्यादा कर्मचारी घायल हुए हैं और उनमे से कुछ की हालत चिंताजनक है।” उन्होंने कहा कि यहां लगभग 60 हजार दिहाड़ी मजदूर, आकस्मिक श्रमिक, मौसमी एवं अस्थायी कर्मचारी हैं, जो कड़ी मेहनत करते हैं और कम वेतन में गुजारा करते हैं। हमारा विरोध उनको नियमित करने में सरकार की टालमटोल नीति को लेकर है।”
वनी ने कहा कि ये कर्मचारी 15 साल से काम कर रहे हैं और अब तक इनकी मांगें पूरी नहीं हुई हैं। उन्होंने कहा, “हम अगले सप्ताह अपनी भावी रणनीति की घोषणा करेंगे और अगर सईद सरकार अब भी सोई रही, तो हम आंदोलन और तेज करेंगे।”
उत्तर प्रदेश
सुप्रीम कोर्ट के बुलडोजर एक्शन पर रोक के फैसले का मौलाना अरशद मदनी ने किया स्वागत
नई दिल्ली। बुलडोजर एक्शन को लेकर सुप्रीम फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कानूनी प्रक्रिया अपनाए बिना बुलडोजर एक्शन पर रोक लगा दी है। साथ ही कोर्ट ने यह भी बताया है कि अगर कोई अनधिकृत निर्माण किया गया है तो ऐसे केस में यह फैसला लागू नहीं होगा। कोर्ट ने कहा, घर बनाना संवैधानिक अधिकार है। राइट टू शेल्टर मौलिक अधिकार है।
मौलाना अरशद मदनी ने किया फैसले का स्वागत
कोर्ट के इस फैसले का जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने स्वागत किया है। मौलाना अरशद मदनी ने कहा, कोर्ट ने बिल्कुल सही स्टैंड अपनाया है। यह जमीयत उलेमा हिंद की बड़ी उपलब्धि है। हम मुबारकबाद देते हैं उन जजों को जिन्होंने लोगों की दिल की बात को सुना है, उनकी परेशानियां अपनी परेशानी समझी है। खुदा करें हमारे देश में इसी तरह गरीबों को सही हक देने के फैसले होते रहे। हम तो यह समझते हैं कि फैसला बहुत अच्छा आया है।
मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि, “कोई चीज वैध हो या अवैध “इसका फैसला न्यायपालिका करेगी। यहां फैसला आज सुप्रीम कोर्ट ने जमीयत उलमा-ए-हिंद की ओर से गैरकानूनी बुलडोजर कार्रवाई को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनाया है। मौलाना अरशद मदनी ने गैरकानूनी बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगाने वाले सुप्रीम कोर्ट के इस फैसला का स्वागत करते हुए कहा कि उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट के सख्त निर्देशों से बुलडोजर कार्रवाई पर लगाम लगेगी।
बता दें कि इससे पहले इसी मामले पर समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी ने बयान देते हुए कहा था कि बुलडोजर कार्रवाई करने वाले आरोपी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का जानी चाहिए।
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