प्रादेशिक
त्रिपुरा में चिकित्सकों की प्राइवेट प्रैक्टिस पर नियंत्रण
अगरतला | त्रिपुरा उच्च न्यायालय ने सरकारी चिकित्सकों को कार्यदिवसों के दौरान अपनी प्राइवेट प्रैक्टिस अधिकतम तीन घंटों करने का निर्देश दिया है। यह जानकारी शनिवार को एक अधिकारी ने दी। उच्च न्यायालय ने कहा कि छुट्टियों के दौरान चिकित्सक अपनी निजी क्लिनिक दिन में अधिकतम छह घंटों के लिए ही खोल सकते हैं।
उच्च न्यायालय ने चिकित्सकों के निजी अस्पतालों, नर्सिग होमों और प्रयोगशालाओं में किसी भी तरह से संलग्न होने पर प्रतिबंध लगाया। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया, “मुख्य न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति शुभाशीष तलपात्र की उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने शुक्रवार को यहां एक फैसला सुनाते हुए कहा कि सरकारी चिकित्सक कार्यदिवसों के दौरान अपनी निजी क्लिनिक अधिकतम तीन घंटों तक ही खोल सकते हैं।”
अधिकारी ने बताया, “अवकाश के दिनों के दौरान वे अपनी निजी क्लिनिक अधिकतम छह घंटों के लिए खोल सकते हैं।” नाम गुप्त रखने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि अदालत कहा कि सरकारी चिकित्सक रोगी के पहले दौरे पर उससे अधिकतम 200 रुपये और दूसरे दौरे पर अधिकतम 100 रुपये परामर्श शुल्क ले सकते हैं। न्यायालय ने आदेश में कहा, “रोगियों से लिए गए शुल्क की रसीद देनी जरूरी है।”
न्यायालय ने पिछले साल इस मामले पर स्वत: संज्ञान लिया था, क्योंकि राज्य में सरकारी चिकित्सकों की प्राइवेट प्रैक्टिस और निजी अस्पतालों, नर्सिग होम और प्रयोगशालाओं में संलग्नता अनियंत्रित रूप से बढ़ रही है। स्वास्थ्य सेवा नियमों के अनुसार, सरकारी चिकित्सक प्राइवेट प्रैक्टिस कर सकते हैं, लेकिन चिकित्सक कई और प्रतिबंधों का उल्लंघन कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश
संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद
संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।
इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।
इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।
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