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प्रादेशिक

श्रीनगर : प्रदर्शनकारियों ने किया सड़क जाम, सीईटी परीक्षा से चूके विद्यार्थी

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श्रीनगर | श्रीनगर में शनिवार को प्रदर्शनकारियों के सड़क जाम के कारण कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (सीईटी) के विद्यार्थी परीक्षा देने से चूक गए। परीक्षार्थियों के लाख मिन्नतों के बावजूद डल झील के पास सड़क जाम कर प्रदर्शन कर रहे लोगों ने उन्हें रास्ता नहीं दिया। यहां तक कि प्रदर्शनकारियों द्वारा सड़क पर पत्थर और बाधाएं डालकर विद्यार्थियों, पर्यटकों और यात्रियों को जबरन रोके जाने के बावजूद पुलिस और प्रशासन मूक दर्शक बना रहा। कुछ प्रदर्शनकारियों के हाथ में तेज धार हथियार भी थे। प्रदर्शनकारियों ने विद्यार्थियों द्वारा मिन्नतें करने और परीक्षा का प्रवेश पत्र दिखाए जाने के बावजूद उनको रास्ता देने से साफ मना कर दिया।

कश्मीर विश्वविद्यालय के एक केंद्र में परीक्षा देने जा रही एक छात्रा ने कहा, “मुझे वापस जाना होगा। यह तो नर्क है। ये लोग बेहतर जीवन पाने के मेरे मौलिक अधिकार का हनन कर अपने तथाकथित अधिकारों के लिए आंदोलन कर रहे हैं। सरकार कहां है।” प्रदर्शन और सड़क जाम के कारण जो विद्यार्थी सीईटी की परीक्षा देने से चूक गए उनका परीक्षा केंद्र कश्मीर विश्वविद्यालय और क्षेत्री इंजीनियरिंग कॉलेज था। प्रदर्शनकारी डल झील क्षेत्र में मुफ्त भवन निर्माण सामग्री और इलाके में भवन निर्माण संबंधी प्रतिबंध हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। डल झील के पास स्थित विख्यात मुगल गार्डन घूमने आए पर्यटक भी लेक्स एंड वाटरवेज डेवलपमेंट अथॉरिटी (एलएडब्ल्यूडीए) के खिलाफ प्रदर्शन और सड़क जाम के कारण गंतव्य तक नहीं पहुंच सके। एलएडब्ल्यूडीए डल झील और इसके पारिस्थितिकी तंत्र की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है।

उच्च न्यायालय के निर्देश पर एलएडब्ल्यूडीए ने डल झील क्षेत्र से निर्माण सामग्री बिना इजाजत उठाने पर प्रतिबंध लगाया है और डल झील के लिए खतरे को देखते हुए क्षेत्र में अवैध निर्माण पर अंकुश लगाया है। न्यायालय के निर्देश के बाद एलएडब्ल्यूडीए ने डल झील क्षेत्र और मुगल गार्डन के आस पास सभी दुकानों को बंद करा दिया है।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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