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प्रादेशिक

‘मेक इन इंडिया’ लूट का निर्लज्ज न्योता : दीपांकर भट्टाचार्य

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लखनऊ । भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्‍सवादी-लेनिनवादी) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने यहां रविवार को कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था पर आक्रामक नीतिगत हमले शुरू कर दिए हैं। ‘मेक इन इंडिया’ विदेशी पूंजीपतियों को भारत के प्राकृतिक और मानवीय संसाधनों की लूट का निर्लज्ज न्योता है।

कैसरबाग स्थित गांधी प्रेक्षागृह में भाकपा (माले) के दो दिवसीय अखिल भारतीय कार्यशाला के अंतिम दिन भट्टाचार्य ने कहा कि पूर्ण बहुमत के रथ पर चढ़ी मोदी सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था पर आक्रामक नीतिगत हमले शुरू कर दिए हैं। सरकार के भूमि हड़प अध्यादेश का व्यापक विरोध हुआ है और होता रहेगा। भीषण फसल तबाही और अनवरत कृषि संकट से उबारने में सरकार नाकाम रही है। भट्टाचार्य ने कहा कि मोदी सरकार बहुत जल्दी कार्पोरेट और अमीरों की सरकार के रूप में कुख्यात हो गई है। कालाधन वापस लाने, महंगाई घटाने और अच्छे दिन के वादे वाकई ‘जुमले’ साबित हुए हैं।

उन्होंने कहा कि अभी एक वर्ष पहले तक मोदी लहर ‘सर्वग्रासी’ लग रही थी लेकिन एक साल बाद ही वास्तविकता कुछ और दिखी। महंगाई से लेकर हर मोर्चे पर विफल इस सरकार के खिलाफ जनाक्रोश तेज हो रहा है और देश में बड़े संघर्षो की परिस्थितियां बन रही हैं। दूसरी ओर भाजपा अपनी नाकामियों पर परदा डालने के लिए ऐसी उपलब्धियों का प्रचार करने में लगी है, जिनका फायदा किसी को महसूस ही नहीं हो रहा है।

भट्टाचार्य ने कहा कि नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रियों का भाषण लोग ‘बेमन’ से सुन रहे हैं। लोग समझ रहे हैं कि इस सरकार की कथनी और करनी में जमीन आसमान का फर्क है, जिसके कई उदाहरण सामने आए हैं और कई आना अभी बाकी हैं। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि हर कार्यकर्ता को सचेत भूमिका में आना होगा और पार्टी का योजनाबद्ध विस्तार करना होगा। उन्होंने आंदोलनों की बरंबारता, बूथ स्तर पर संगठन को मजबूत बनाने और पार्टी में महिलाओं, मजदूरों, नौजवानों, किसानों, बुद्धिजीवियों की तादाद बढ़ाने पर जोर दिया।

कैसरबाग स्थित गांधी प्रेक्षागृह में आयोजित कार्यशाला के अंतिम दिन तीन सत्रों में पार्टी संगठन और 28 जुलाई 2014 को लिए गए कार्यभारों के क्रियान्वयन पर बातचीत हुई। इसके अलावा कार्यशाला में पार्टी संगठन, जनसंगठनों और पहलकदमियों को मजबूत करने के साथ-साथ वाम दलों के साथ संयुक्त कार्यवाहियों और अखिल भारतीय लोकतांत्रिक मंच के गठन और उसकी गतिशीलता बढ़ाने पर चर्चा की गई।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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