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अन्तर्राष्ट्रीय

मछुआरों के मुद्दे पर भारत से वार्ता करेगा श्रीलंका

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कोलंबो। श्रीलंका ने सोमवार को कहा कि वह भारत के साथ मछुआरों के मुद्दे पर अल्पकालिक और दीर्घकालिक समाधान के लिए बातचीत जारी रखेगा। विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह मत्स्य पालन मंत्री के बयान से अवगत हैं। मत्स्य पालन मंत्री ने कहा था कि उन्होंने मछली पकड़ने के मुद्दे को हल करने के लिए भारत के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है।

मंत्रालय ने कहा कि श्रीलंका का मानना है कि भारतीय मछुआरों के श्रीलंका के पानी में मछली पकड़ने के मुद्दे पर दोनों देश के अधिकारियों को सावधानीपूर्वक ध्यान देने की जरूरत है। खासतौर पर हमें दोनों ओर के मछुआरों की आजीविकाओं पर पड़ने वाले असर पर भी ध्यान देना होगा। मंत्रालय ने कहा, “श्रीलंका के उत्तर में रह रहे मछुआरों ने कई वर्षो के संघर्ष के बाद अपनी जीविका दोबारा शुरू की है और इसीलिए उनकी परेशानियों पर विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत है।”

मंत्रालय ने कहा कि जीविका के परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए श्रीलंकाई जलक्षेत्र में गिरफ्तार किए गए भारतीय मछुआरों के मामलों को मानवीय आधार पर देखा जा रहा है। इसीलिए उनकी शीघ्र रिहाई के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। इन मुद्दों पर दोनों देश की सरकारों के बीच समय-समय पर कई स्तर की वार्ता हो चुकी हैं, और विचार-विमर्श अभी भी जारी है। भारतीय मछुआरों द्वारा श्रीलंका से एक आग्रह किया गया था कि उन्हें तीन साल तक हर साल 83 दिनों के लिए श्रीलंका के जलक्षेत्र में मछली पकड़ने की अनुमति दी जाए। भारतीय मछुआरों के इस आग्रह पर विधिवत विचार भी किया गया था, लेकिन श्रीलंका के मछुआरों ने इसे खारिज कर दिया।

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अन्तर्राष्ट्रीय

बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भारत ने जताई नाराजगी, कही ये बात

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नई दिल्ली। मंगलवार को बांग्लादेश के हिंदू संगठन सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों द्वारा चिन्मय कृष्ण दास के नेतृत्व में ही आंदोलन किया जा रहा है। बाद में अदालत ने भी चिन्मय कृष्ण दास की जमानत अर्जी खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की।

विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि हिंदुओं पर हमला करने वाले बेखौफ घूम रहे हैं, जबकि हिंदुओं के लिए सुरक्षा का अधिकार मांगने वाले हिंदू नेताओं को जेल में ठूंसा जा रहा है। वहीं बांग्लादेश सरकार ने विदेश मंत्रालय के बयान पर नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि यह उनका आंतरिक मामला है और भारत के टिप्पणी करने से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ सकती है।

चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। इस प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर आंसू गैस के गोले दागे गए और लाठीचार्ज भी किया गया, जिसमें 50 से अधिक लोग घायल हो गए। गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

चंदन कुमार धर प्रकाश चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी, जिन्हें चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश के चटगांव स्थित इस्कॉन पुंडरीक धाम के प्रमुख भी हैं। चिन्मय कृष्ण दास को बीते सोमवार को शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) द्वारा हिरासत में लिया गया था।

मंगलवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के समक्ष पेश किया गया। हालांकि, उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन पर देशद्रोह का आरोप लगा है।

 

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