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प्रादेशिक

तेलंगाना में पुजारी, मंदिर कर्मचारी हड़ताल पर

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हैदराबाद | तेलंगाना में हजारों पुजारी और मंदिर के कर्मचारी सरकारी कर्मचारियों के बराबर वेतन की मांग को लेकर गुरुवार को अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। पुजारी और कर्मचारियों की हड़ताल के चलते तेलंगाना के एंडाउमेंट विभाग द्वारा देखरेख वाले मंदिरों में सभी सेवाएं रुक गई हैं।

मंदिर के कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक संगठन के मुताबिक, हैदराबाद और तेलंगाना के नौ अन्य जिलों में 2,500 मंदिरों के 6,000 कर्मचारी इस हड़ताल में शामिल हैं। पुजारियों ने मंदिरों में तड़के सुबह ‘अभिषेकम’ किया, लेकिन उसके बाद के सभी अन्य कामकाज रोक दिए जिसके कारण श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ा। मंदिर के कर्मचारियों ने श्रद्धालुओं को विभिन्न अनुष्ठानों के लिए टिकट जारी करने भी बंद कर दिए।

हैदराबाद और उससे सटे रंगारेड्डी जिले के विभिन्न बड़े मंदिरों में जाने वाले श्रद्धालुओं ने हड़ताल के कारण कठिनाई होने की बात कही। हड़ताल कर रहे पुजारियों और कर्मचारियों ने मंदिर परिसर में भी धरना दिया। तेलंगाना की राजनीतिक संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) के संयोजक कोदांदरम ने हड़ताल कर रहे कर्मचारियों के प्रति एकजुटता दिखाई। इस हड़ताल से हालांकि तेलंगाना के प्रसिद्ध मंदिर यदाधरी के पुजारी और कर्मचारियों ने खुद को दूर रखा है। पुजारियों और कर्मचारियों की जेएसी के नेता जी. भानुमूर्ति ने कहा कि वे सरकारी कर्मचारियों के बराबर वेतन चाहते हैं। वे यह भी चाहते हैं कि उनका वेतन राजकोष से दिया जाए। तेलंगाना सरकार ने पिछले साल अपने कर्मचारियों के वेतन में 43 फीसदी की वृद्धि की थी।

पुजारियों का कहना है कि संयुक्त आंध्र की सरकार ने 2008 में उन्हें सरकारी कर्मचारियों के बराबर वेतन देने का वादा किया था। मंदिर के कर्मचारियों का आरोप है कि सरकार उनकी समस्याओं को लेकर उदासीन रहती है।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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