बिजनेस
शियाओमी वियरेबल इलेक्ट्रॉनिक बाजार में दूसरे स्थान पर
नई दिल्ली। प्रौद्योगिकी कंपनी शियाओमी 2015 की प्रथम तिमाही में वैश्विक वियरेबल इलेक्ट्रॉनिक बाजार में निर्यात और बाजार हिस्सेदारी के मामले में दूसरी सबसे बड़ी कंपनी बन गई है। यह जानकारी आईडीसी की एक रपट से मिली। इस बाजार में शीर्ष स्थान पर फिटबिट का है। शियाओमी को दूसरे स्थान पर पहुंचने में एक साल से कुछ अधिक समय लगा।
शियाओमी का मी बैंड अगस्त 2014 में चीन में लांच हुआ। इसके बाद यह इंडोनेशिया, मलेशिया, सिंगापुर, हांगकांग में लांच हुआ। अप्रैल 2015 में यह भारत में लांच हुआ। इसकी कीमत यहां 999 रुपये है। मी बैंड को बाजार में उतारने के लिए शियाओमी ने एक अन्य स्टार्टअप कंपनी हुआमी टेक्नोलॉजीज के साथ साझेदारी की थी। पहले स्थान पर काबिज फिटबिट ने 2015 की प्रथम तिमाही में तीन उपकरण लांच किए हैं, जिसमें शामिल हैं चार्ज, चार्ज एचआर और सर्ज। इसके साथ ही इसके पुराने फ्लेक्स रिस्टबैंड, वन एवं जिप उपकरणों की भी मांग कम नहीं हुई।
इस बाजार में तीसरे स्थान पर काबिज रही गार्मिन, चौथे स्थान पर रही सैमसंग और पांचवें स्थान पर रहीं जॉबोन। पांचवें स्थान पर पहुंचने के लिए जॉबोन ने पेबल और सोनी को पीछे छोड़ा। जॉबोन ने 2014 में दो नए उपकरण बाजार में उतारे थे। 2015 की दूसरी तिमाही में भी कंपनी दो और नए उपकरण उतारेगी। इस रपट में एप्पल की घड़ी के बाजार में उतरने से पैदा होने वाले प्रभाव के बारे में वियरेबल रिसर्च प्रबंधक रैमन लामास ने कहा, “एप्पल के आने से बाजार में क्या बदलाव आएगा, यह देखना है।” एप्पल की घड़ी बाजार में एक मानक वियरेबल उपकरण बन सकती है, जिसके आधार पर अन्य उत्पादों की गुणवत्ता निर्धारित हो सकती है।
बिजनेस
जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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