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प्रादेशिक

व्यापमं घोटाला : यूपी पहुंची एसटीएफ, केजीएमयू के पासआउट डाक्टर निशाने पर

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लखनऊ। मध्य प्रदेश के व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले में लखनऊ स्थित किंग जार्ज चिकित्सा विविद्यालय के एमबीबीएस पासआउट डाक्टर जांच के घेरे में आ रहे हैं।

बताया जाता है कि कानपुर मेडिकल कालेज के बाद अब मध्य प्रदेश एसटीएफ के निशाने पर केजीएमयू के लगभग एक दर्जन से ज्यादा पासआउट एमबीबीएस डाक्टर हैं। एसटीएफ टीम ने केजीएमयू में वर्ष 2010 बैच के मेडिकोज से पास हो चुके डाक्टरों के बारे में पूछताछ की है। व्यापमं घोटाले में एसटीएफ कानपुर मेडिकल कालेज में 33 मेडिकोज के फरार होने पर फोटो चस्पा करके तलाश की जा रही है। इसके बाद एमपी एसटीएफ ने केजीएमयू को छह मेडिकोज की फोटो देकर छात्रावास में चस्पा करने के निर्देश दिए हैं। केजीएमयू प्रशासन अभी इन फोटो को चस्पा करने को लेकर ऊहापोह में है। एसटीएफ द्वारा दो दिन पहले छह मेडिकोज की फोटो को अभी छात्रावास में चस्पा नहीं किया गया है।

केजीएमयू में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के डीन डॉ. कमर रहमान ने कहा कि अभी उन्हें यह खुद नहीं पता कि ये लोग यहां से एमबीबीएस पासआउट हैं या नहीं। बताया जाता है कि एमपी एसटीएफ वर्ष 2009-10 बैच के लगभग एक दर्जन से ज्यादा मेडिकोज की तलाश कर रही है। इनमें काफी लोग पास होकर डाक्टर बन चुके हैं। इनके बारे में कानपुर मेडिकल कालेज व केजीएमयू के मेडिकोज से सम्बधों के तार जोड़े जा रहे हैं। इसी आधार पर पूछताछ की जा रही है। एसटीएफ का मानना है कि मध्य प्रदेश के पीएमटी मेडिकल परीक्षा में लंबे अरसे से इन दो मेडिकल कालेज से मेडिकोज साल्वर की भूमिका में थे। एमपी एसटीएफ रीवा की टीम ने आकर वर्ष 2010 बैच के मेडिकोज से अन्य मेडिकोज के बारे में पूछताछ की। काफी देर तक चली पूछताछ को अभी गोपनीय रखा गया है।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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