प्रादेशिक
यूपी के राज्यपाल ने लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर पत्र लिखा
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक सूबे में नए लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर गंभीर हो गए हैं। उन्होंने इस संबंध में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़, प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, नेता प्रतिपक्ष स्वामी प्रसाद मौर्या तथा लोकायुक्त न्यायमूर्ति एन.के. मेहरोत्रा को पत्र लिखा है।
राज्यपाल ने इस सभी को अलग-अलग पत्र लिखकर अपेक्षा की है कि उच्चतम न्यायालय के दिनांक 24 अप्रैल, 2014 के तहत पारित आदेश के अनुपालन में लोकायुक्त एवं उप लोकायुक्त के पदों पर नई नियुक्ति शीघ्र किए जाने के लिए इस अधिनियम के प्राविधान के अनुसार अपने-अपने स्तर से अपेक्षित कार्यवाही शीघ्र संपन्न करें।
ज्ञातव्य है कि उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल 24 अप्रैल को छह माह के अंदर नई नियुक्ति किए जाने का आदेश पारित किया था। नाईक ने अपने पत्र में कहा है कि लोकायुक्त एवं उप लोकायुक्त जैसे महत्वपूर्ण पदों पर उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के बाद भी नई नियुक्तियों के लिए अभी तक उत्तर प्रदेश लोकायुक्त एवं उप लोकायुक्त अधिनियम, 1975 के प्रावधानों के अनुसार संस्तुतियां प्राप्त नहीं होना चिंता का विषय है।
उल्लेखनीय है कि इस संबंध में राज्यपाल सचिवालय द्वारा 17 मार्च को पत्र के माध्यम से राज्य सरकार का ध्यान आकृष्ट करते हुए उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का अनुपालन शीघ्र सुनिश्चित किए जाने के लिए कहा गया था। न्यायमूर्ति एन.के. मेहरोत्रा 16 मार्च 2006 को उप्र के छठे लोकायुक्त के रूप में पद संभाला था। 15 मार्च 2014 को उनका कार्यकाल पूरा हो गया और तभी से लोकायुक्त का पद खाली है। इस पद पर नई नियुक्ति न होने से मेहरोत्रा ही कार्यभार देख रहे हैं।
उत्तर प्रदेश
संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद
संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।
इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।
इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।
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