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बिजनेस

गैस कीमतों में जल्द संशोधन चाहते हैं मुकेश

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मुंबई| रिलायंस इंडस्ट्रीज ने शुक्रवार को गैस की कीमतों में जल्द संशोधन की मांग की और सरकार से हाइड्रोकार्बन उत्पादन के बंटवारे के मुद्दे के जल्द समाधान का आग्रह किया। कंपनी के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा कि गहरे पानी में तेल और गैस के उत्पादन में रिलायंस इंडस्ट्रीज अग्रणी है। उन्होंने शेयरधारकों से कहा कि कंपनी कृष्णा-गोदावरी बेसिन के चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों से उत्पादन बढ़ाने के लिए काफी प्रयास किए हैं, लेकिन इससे होने वाला मुनाफा, लागत से कम है।

अंबानी ने कहा, “हम देश और अपने शेयरधारकों के लिए लागत वसूली, गैस मूल्य निर्धारण और अन्य मुद्दों पर समयबद्ध तरीके से कानूनी मुद्दे सुलझाने के लिए सरकार के साथ बातचीत कर रहे हैं।”

उन्होंने यहां बिड़ला मातोश्री सभागार में 41वीं सालाना आम बैठक में यह भी कहा, “हमें उम्मीद है कि इस जटिल ईएंडपी कारोबार में निवेश लाने के लिए सरकार व्यापक हित में इस मुद्दे को सुलझाएगी।”

उन्होंने कहा, “पिछले साल ब्याज और कर भुगतान से पहले रिलायंस की कुल आमदनी 31,835 करोड़ रुपये रही। एनईएलपी के तहत ईएंडपी कारोबार लगभग 194 करोड़ रुपये का रहा, जो कंपनी की एबिटा आय का लगभग 0.6 प्रतिशत है।”

मंत्रिमंडल की पिछले साल अक्टूबर में हुई बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सामान्य खोज क्षेत्रों से प्राप्त प्राकृतिक गैस की कीमत 4.2 डॉलर से बढ़ाकर प्रति यूनिट 5.61 डॉलर कर दी थी।

अति गहरे जल क्षेत्रों, गहरे जल क्षेत्रों और अधिक दबाव-अधिक तापमान वाले क्षेत्रों में तेल और गैस की खोज के बारे में यह फैसला किया गया कि इन खोजों पर प्रीमियम का भुगतान किया जाएगा, लेकिन इस प्रीमियम की गणना किस तरह की जाएगी और इसे किस तरह लागू किया जाएगा, इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई।

बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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