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बिजनेस

सेंसेक्स, निफ्टी में 1 फीसदी से अधिक गिरावट

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मुंबई| देश के शेयर बाजारों में पिछले सप्ताह प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी में एक फीसदी से अधिक गिरावट रही। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स पिछले सप्ताह 1.28 फीसदी या 343.19 अंकों की गिरावट के साथ शुक्रवार को 26,425.30 पर बंद हुआ। इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 1.62 फीसदी या 131.8 अंकों की गिरावट के साथ 7,982.90 पर बंद हुआ।

पिछले सप्ताह सेंसेक्स के 30 शेयरों में से सात में तेजी रही, जिनमें प्रमुख रहे आईसीआईसीआई बैंक (3.99 फीसदी), बजाज ऑटो (3.92 फीसदी), टाटा पावर (2.83 फीसदी), गेल (2.74 फीसदी) और भेल (0.73 फीसदी)।

सेंसेक्स के 23 शेयरों में गिरावट रही, जिनमें प्रमुख रहे सिप्ला (6.49 फीसदी), टाटा मोटर्स (4.74 फीसदी), टाटा स्टील (4.28 फीसदी), सन फार्मा (4.10 फीसदी) और विप्रो (3.31 फीसदी)।

गत सप्ताह मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी दो फीसदी से अधिक गिरावट रही। मिडकैप 2.24 फीसदी या 231.99 अंकों की गिरावट के साथ 10,121.94 पर और स्मॉलकैप 2.56 फीसदी या 277.72 अंकों की गिरावट के साथ 10,573.78 पर बंद हुआ।

गत सप्ताह के प्रमुख आर्थिक घटनाक्रमों में वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज ने सोमवार 8 जून को कहा कि मानसूनी बारिश यदि कम होती है, तो उसका भारत की साख दर पर नकारात्मक असर होगा। बारिश कम होने से कृषि उपज घटेगी और खाद्य कीमतें बढ़ेगी। मौसम विभाग ने इससे पहले जून-सितंबर मानसून सत्र में बारिश औसत से कम रहने की उम्मीद जताई है।

भारत मौसमविज्ञान विभाग (आईएमडी) ने गुरुवार 11 जून को अपनी रिपोर्ट में कहा कि मानसून पूर्वोत्तर, पश्चिम बंगाल के हिमालयी क्षेत्रों और सिक्किम के ऊपर गत 24 घंटे में सक्रिय रहा है। आईएमडी ने अपनी साप्ताहिक रिपोर्ट में कहा कि मानसून के अगले एक सप्ताह में दक्षिण भारत और पूर्वी भारत के कुछ क्षेत्रों में आगे बढ़ने की परिस्थिति तैयार है।

रिपोर्ट के मुताबिक अगले दो सप्ताहों में मानसूनी बारिश औसत से अधिक होगी। तीसरे सप्ताह में मानसून उत्तर भारत के गंगा क्षेत्र में औसत से अधिक होगी। पूर्वोत्तर क्षेत्र के बारे में आईएमडी ने कहा कि अगले पांच दिन में बारिश औसत से अधिका होगी और उसके बाद कम होगी।

पूरे देश के लिहाज से मानसूनी बारिश अब तक औसत के बराबर हुई है। अलग-अलग क्षेत्रों के लिहाज से यह पूर्वोत्तर भारत में औसत से अधिक हुई है, लेकिन शेष इलाकों में औसत से कम रही है।

बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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