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वन-रैंक-वन-पेंशन मामला : राष्ट्रपति से मिलेंगे पूर्व सैनिक
नई दिल्ली | वन-रैंक-वन-पेंशन (ओआरओपी) व्यवस्था लागू कराने को लेकर सरकार पर दबाव बनाने के लिए पूर्व सैनिकों ने रविवार को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया और उन्होंने कहा कि वे राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात करेंगे। सैंकड़ों की संख्या में पूर्व सैनिक यहां इकट्ठा हुए और उन्होंने राष्ट्रपति को सौंपने के लिए एक ज्ञापन तैयार किया है, जिस पर खून से हस्ताक्षर किए गए हैं। राष्ट्रपति तीनों सेनाओं के सर्वोच्च कमांडर हैं।
पूर्व सैनिकों ने 1500 वीरता मेडल भी इकट्ठा कर रखे हैं, जिन्हें वे राष्ट्रपति को लौटाएंगे। मेजर विजय शर्मा (सेवानिवृत्त) ने आईएएनएस को बताया, “हमने पहले भी 22,000 मेडल लौटाए हैं, लेकिन राष्ट्रपति ने उसे नहीं स्वीकारा है।” कर्नल यू.बी.सिंह (सेवानिवृत्त) ने कहा कि यह सरकार के खिलाफ प्रदर्शन नहीं है, बल्कि सिर्फ अपनी भावना जाहिर करने की कोशिश है। उन्होंने कहा, “हम सरकार के खिलाफ प्रदर्शन नहीं कर रहे। हम सिर्फ अपनी भावना जाहिर कर रहे हैं।”‘ 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात करेगा। इस प्रतिनिधिमंडल में नौ जवान, एक अधिकारी और पूर्व सैनिक की बेटी शामिल है।
पूर्व सैनिकों के संगठन युनाइटेड एक्स-सर्विसमेन ऑफ इंडिया के मुताबिक, देशभर के 55 केंद्रों पर प्रदर्शन किए जा रहे हैं। जम्मू, जालंधर, अंबाला, तिरुवनंतपुरम, मदुरै, मुंबई, विशाखापट्टम, हैदराबाद, सिंकदराबाद, बेंगलुरू, कोलकाता, भुवनेश्वर, अहमदाबाद, सूरत, वड़ोदरा, पुणे, नाशिक, चांदीपुर, नागपुर, भोपाल, मेरठ, तेलंगाना, चेन्नई, जयपुर, नागौर, अलवर और कोटा सहित अन्य स्थानों पर प्रदर्शन किए जा रहे हैं। पूर्व सैनिकों ने सोमवार से अनशन पर जाने की भी तैयारी कर ली है। ओआरओपी लागू होने से एक ही रैंक के सभी सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारियों और जवानों को समान पेंशन मिलेगा। ओआरओपी से रक्षा विभाग के 25 लाख पूर्व सैनिकों, मृत सैन्यकर्मियों की पत्नियों को फायदा होने की उम्मीद है।
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महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की हार पर बोलीं कंगना रनौत, उनका वही हश्र हुआ जो ‘दैत्य’ का हुआ था
मुंबई। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन को मिली प्रचंड जीत ने विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी में शामिल पार्टियों को चारों खाने चित कर दिया है। महाराष्ट्र में पार्टी की प्रचंड जीत पर बीजेपी की सांसद कंगना रनौत काफी खुश हैं। वहीं, उद्धव ठाकरे की हार पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कंगना ने कहा कि महिलाओं का अपमान करने की वजह से उनका ये हश्र हुआ है। मुझे उनकी हार का अनुमान पहले से ही था।
कंगना रनौत ने कहा, “मुझे उद्धव ठाकरे की हार का अनुमान पहले ही था। जो लोग महिलाओं का अपमान करते हैं, वे राक्षस हैं और उनका भी वही हश्र हुआ जो ‘दैत्य’ का हुआ था। वे हार गए, उन्होंने महिलाओं का अपमान किया। मेरा घर तोड़ दिया और मेरे खिलाफ अपशब्दों का भी इस्तेमाल किया, इसलिए यह स्पष्ट है कि वे सही और गलत की समझ खो चुके हैं।
बता दें कि कंगना रनौत और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार के बीच 2020 में तब कड़वाहट भरी झड़प हुई थी, जब तत्कालीन अविभाजित शिवसेना के नेतृत्व वाली बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने उनके बांद्रा स्थित बंगले में कथित अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया था। अपने बंगले में तोड़फोड़ की कार्रवाई से पहले रनौत ने यह भी कहा था कि उन्हें “मूवी माफिया” से ज्यादा मुंबई पुलिस से डर लगता है और उन्होंने महाराष्ट्र की राजधानी की तुलना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से की थी।
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