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प्रादेशिक

अकाली नेता को गैंगस्टर समझ पुलिस ने किया एनकाउंटर

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akali leader encounter

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अमृतसर। अमृतसर पुलिस ने कार सवार एक अकाली नेता की गैंगस्टर समझकर गोली मारकर हत्या कर दी। मृतक की पहचान अकाली नेता मुखजीत सिंह मुक्खा के रूप में हुई है। वह वेरका के वार्ड नंबर 16 से अकाली दल का प्रधान था। पुलिस का कहना है कि बिना नंबर की एक कार में गैंगस्टर जग्गू के होने का शक था, लेकिन कुछ चश्मदीदों का कहना है कि पुलिसकर्मियों ने एनकाउंटर के बाद कार से नंबर प्लेट उतार ली और फरार हो गए। इलाके के नेता की मौत की खबर सुनते ही अकाली दल के कार्यकर्ता घटनास्थल पर पहुंचकर प्रदर्शन करने लगे।

नारकोटिक्स सेल को सूचना मिली थी कि एक हफ्ते पहले तस्कर सोनू कंगला को पेशी के दौरान फरार करवाने वाला गैंगस्टर जसदीप सिंह जग्गू अपनी आई-20 कार से वेरका में घूम रहा है। दूसरी ओर, मंगलवार शाम अकाली नेता मुखजीत सिंह मुक्खा अपनी आई-20 कार में वेरका से बटाला की ओर निकले। पुलिस टीम ने उस कार का पीछा किया और कार को रोकने की कोशिश की लेकिन मुक्खा कार भगाने लगा। पुलिस की टीम ने उसे आगे जाकर घेर लिया। दरअसल मुक्खा की वेरका के कुछ युवकों के साथ पहले से रंजिश चल रही थी। पिछले महीने ही उसके घर पर इसी सिलसिले में हमला भी हुआ था। ऐसे में सादे कपड़ों में पुलिसकर्मियों को उसने हमलावर समझ अपनी पिस्टल निकाल ली। पिस्टल को देखकर ही सादे कपड़ों में तैनात नारकोटिक्स सेल की टीम के सदस्यों ने समझा कि गैंगस्टर जग्गू है और चारों से एके-47 राइफल से उस पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। इससे उसके शरीर पर छह गोलियां लगी। इस कारण उसकी मौके पर ही मौत हो गई। जब पुलिस को पता चला कि जग्गू की जगह पर अकाली नेता को मार डाला है तो पुलिस वहां से फरार हो गई।

इस घटना का पता चलते ही लोग मौके पर इकट्ठा हो गए और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। इस दौरान लोगों की पुलिस से तीखी नोकझोंक भी हुई। गुस्साए लोगों ने पुलिस की गाड़ी को पलटने की कोशिश की।

जानकारी के मुताबिक, बचाव में मुक्खा की ओर से चलाई गई गोली से पुलिस कॉन्स्टेबल राजेश कुमार घायल हो गया। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अमृतसर के पुलिस कमिश्नर ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी के जग्गू नाम का गैंगस्टर वेरका इलाके में घूम रहा है। पुलिस ने मुक्खा की गाड़ी का पीछा किया तो मुक्खा की तरफ से पुलिस पर गोली चलाई गई, जिसके बाद पुलिस ने उसकी गाड़ी पर गोलियां चलाई और मुक्खा की मौत हो गई।

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उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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