बिजनेस
चीन का ई-कॉमर्स बाजार भारत से 80 गुना बड़ा
नई दिल्ली। देश की रिटेल ई-कॉमर्स बिक्री 2018 तक 17.5 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगी, जो 2014 में 5.3 अरब डॉलर थी। यह जानकारी डिजिटल शोध कंपनी ईमार्केट के आंकड़ों से मिली, जिसके मुताबिक देश में हर 10 इंटरनेट उपयोगकर्ताओं में से सिर्फ दो ही ऑनलाइन खरीदारी करते हैं।
ईमार्केट की रपट के मुताबिक, 20 करोड़ इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के साथ भारत तीसरा सबसे बड़ा इंटरनेट उपयोगकर्ता देश है। इसके बाद भी यह दुनिया के 10 सबसे बड़े ई-कॉमर्स बाजार में शुमार नहीं है। इसका कारण है छोटे शहरों और गांवों में इंटरनेट की रफ्तार का धीमा होना, खराब ग्राहक सेवा और इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या कम होना।
भारत की ई-कॉमर्स बिक्री 2014 में जहां 5.3 अरब डॉलर (31,800 करोड़ रुपये) थी, वहीं चीन में यह 80 गुना अधिक 426.26 अरब डॉलर (25,57,760 करोड़ रुपये) और अमेरिका में 58 गुना अधिक 305.6 अरब डॉलर (18,33,900 करोड़ रुपये) थी।
प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ रजनीश ने कहा, “जापान, चीन और अमेरिका में ई-कॉमर्स 2002-03 में लोकप्रिय हो चुका था। उन्हें यहां तक पहुंचने में 12-13 साल लगे। भारत में ई-कॉमर्स की शुरुआत 2012-13 में हुई। इसलिए भारत को भी वहां पहुंचने में उतना समय तो लगेगा ही।”
2014 में वैश्विक इंटरनेट रिटेल बिक्री में चीन और अमेरिका का संयुक्त योगदान 55 फीसदी से अधिक था। 2018 तक चीन में ईकॉमर्स बिक्री 1,000 अरब डॉलर (60 लाख करोड़ रुपये) पार कर जाएगी, जो वैश्विक कुल के 40 फीसदी से अधिक होगा।
रिटेल बाजार का वैश्विक आकार 2014 में 22,492 अरब डॉलर (13,49,52,000 करोड़ रुपये) रुपये का था, जिसमें ईकॉमर्स की हिस्सेदारी 5.9 फीसदी या 1,316 अरब डॉलर (78,96,000 करोड़ रुपये) का था।
2018 तक वैश्विक ई-कॉमर्स बाजार 89 फीसदी बढ़कर 2,489 अरब डॉलर (1,49,34,000 करोड़ रुपये) का हो जाएगा।
भारत में 2014 में डिजिटल खरीदारों का अनुपात जहां 21.4 फीसदी था, वहीं वैश्विक अनुपात 41.6 फीसदी था।
ब्रिटेन 88 फीसदी के साथ दुनिया में सबसे आगे है। ध्यान देने की बात है कि 55.2 फीसदी के साथ चीन और 74.4 फीसदी के साथ अमेरिका शीर्ष पांच में शामिल नहीं हैं। तो कल्पना कर सकते हैं कि भारत का स्थान कहां होगा।
रजनीश के मुताबिक, देश में ई-कॉमर्स के सामने कई बाधाएं हैं। उदाहरण के तौर पर देश में क्रेडिट कार्ड कम लोगों के पास है।
35 वर्ष से अधिक उम्र के लोग डेबिट कार्ड के ऑनलाइन उपयोग को लेकर सुविधा महसूस नहीं करते हैं।
रजनीश ने कहा, “अमेरिका में वापसी की प्रक्रिया बहुत आसान है। भारत में इसमें पसीने छूट जाते हैं।”
पेयूमनी के उद्यमी पारितोष शर्मा ने कहा कि ऑनलाइन ऑर्डर देने के बाद माल दो से तीन दिन में ग्राहक तक पहुंच जाने की उम्मीद की जाती है, लेकिन देश में अधिक समय लगता है।
शर्मा ने कहा कि देश में इंटरनेट अवसंरचना काफी खराब है और शहर की सीमा के बाहर इंटरनेट की रफ्तार धीमी है।
इन कारणों से ऑनलाइन खरीदारों की संख्या देश में नहीं बढ़ पा रही है।
(आंकड़ा आधारित, गैर लाभकारी, लोकहित पत्रकारित मंच, इंडियास्पेंड के साथ एक व्यवस्था के तहत। देवानिक साहा स्वतंत्र पत्रकार हैं।)
बिजनेस
जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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