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प्रादेशिक

मदद की प्रेरणा देता है रमजान

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लखनऊ। इस्लाम में रमजान का महीना दुनियाभर के मुसलमानों के लिए अदब और अकीदत का महीना है। यह महीना कई मायने में इंसान को बेहतर बनाने और उसमे खामियों को कम करके खूबियां बढ़ाने का एक बड़ा जरिया है। इस पाक माह में कोई भी रोजेदार छोटी-छोटी बुराइयों से बचने की कोशिश करता है और कमजोर लोगों की बेहतरी के लिए कोशिश करता है। इफ्तार के जरिए भाईचारे को बढ़ावा दिया जाता है तो जकात के जरिए लोग जरूरतमंदों की मदद करते हैं।

मौलाना सलमान हुसैन नदवी ने फरमाया कि मजहबी दायरे से बाहर देखें तो रमजान इंसान को बेहतर बनाने का बड़ा जरिया है। इस माह में लोग अच्छाई की ओर बढ़ने और बुराई से दूर भागने की कोशिश करते हैं। यही कोशिश उन्हें बतौर इंसार बेहतर बनाती है। उन्होंने कहा कि आमतौर पर लोग इस माह में ईद से पहले जकात निकालते हैं। इससे जरूरतमंदों को मदद मिलती है। रमजान में कोशिश रहती है कि लोगों की ज्यादा से ज्यादा मदद की जाए। इस माह में सवाब का दायरा भी 70 गुना अधिक हो जाता है।

मौलाना ने कहा कि पैगम्बर सल्लाहो अलैहेवसल्लम ने भी यही फरमाया था कि लोगों की किसी न किसी सूरत में मदद करने की कोशिश करो। रमजान में रोजेदार दिन में कई बुनियादी बातों का एहतराम करता है। मसलन, वह खाने-पीने और बुराइयों से दूर रहने के साथ-साथ इबादत पर जोर देता है। उन्होंने का कि रमजान सिर्फ खाने-पीने से दूर रहने का नाम नहीं है। इसमें तमाम बुराइयों से दूर रहकर अच्छाइयों की ओर रुख बनाए रखना पड़ता है। नबी करीम ने इसी पहलू को सबसे अहम बताया है। रमजान में इंसान सब्र करता है और उसके भीतर चीजों को सहने की कूबत बढ़ती है।

मौला ने का कि बेहतर इंसान बनना और लोगों को बेहतरी और जनकल्याण के लिए प्रेरित करना रमजान का असली संदेश है। यह सेहत के लिए भी फायदेमंद है।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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