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प्रादेशिक

सुषमा, वसुंधरा नैतिक आधार पर इस्तीफा दें : पायलट

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जयपुर,क्रांग्रेस,प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट,विदेश मंत्री सुषमा स्वराज,राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे,इंडियन प्रीमियर लीग

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जयपुर | क्रांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट ने मंगलवार को कहा कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए। सचिन ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “हम कांग्रेस पार्टी की ओर से राजस्थान की मुख्यमंत्री और विदेश मंत्री से कानूनी, मूल्यों एवं नैतिकता आधार पर इस्तीफा देने की मांग करते हैं।” कांग्रेस, इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी की मदद करने के आरोप में सुषमा और वसुंधरा के इस्तीफे की मांग कर रही है।

पायलट ने कहा, “हमारा मानना है कि वसुंधरा का इतने समय बाद बचाव करना अस्वीकार्य है, इसी तरह हमारा यह भी मानना है कि भारत सरकार के मंत्री न तो किसी जांच एजेंसी के अध्यक्ष होते हैं और न ही न्यायालय में न्यायाधीश।” उन्होंने आगे कहा, “इसलिए जब तक इस मामले की जांच पूरी नहीं हो जाती, उससे पहले मंत्रियों द्वारा कानून के उल्लंघन के ऐसे गंभीर आरोपों में घिरे व्यक्तियों को क्लीन चिट दिया जाना आश्चर्यजनक है।” उन्होंने कहा कि भारत सरकार वसुंधरा से जुड़े दस्तावेजों के सत्यता की जांच घंटे भर में कर सकती है। पायलट ने कहा कि “इस्तीफा देने से जांच निष्पक्ष तरीके से हो सकेगी।”

पायलट ने कहा कि मुख्यमंत्री वसुंधरा के इस्तीफे और मामले की जांच की मांग को लेकर कांग्रेस बुधवार को जयपुर की सड़कों पर प्रदर्शन करेगी। कांग्रेस प्रवक्ता अर्चना शर्मा ने कहा, “ललित मोदी की कथित तौर पर मदद करने के आरोप में सुषमा और वसुंधरा दोनों के इस्तीफे की मांग की गई है।” केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को वसुंधरा का समर्थन किया था और उन पर लगे मोदी की मदद करने के आरोपों को खारिज करते हुए कहा, “वह कानूनी, तार्किक और नैतिक आधार पर पूरी तरह सही हैं।”

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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