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आपातकाल देश का काला अध्याय, भूला नहीं जा सकता : मोदी

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नई दिल्ली| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि 40 साल पहले देश के राजनीतिक नेतृत्व ने सत्ता में बने रहने के लिए आपातकाल लगा दिया था, जिसे कभी नहीं भूला जा सकता, क्योंकि यह हमारे इतिहास का सबसे काला अध्याय और लोकतंत्र पर धब्बा है। मोदी ने कहा, “40 साल पहले लाखों लोगों को जेल में डाल दिया गया था, प्रेस को प्रतिबंधित कर दिया गया था और रेडियो केवल वही कहता था, जो सरकार चाहती थी।”

प्रधानमंत्री ने ये बातें यहां स्मार्ट सिटी अभियान के लांच अवसर पर कही। इस संबंध में कार्यक्रम का आयोजन विज्ञान भवन में किया गया था। मोदी ने यहां अटल मिशन फॉर रिजूवनैशन और अरबन ट्रांसफॉरमेशन (एएमआरयूटी) तथा प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) को भी लांच किया। इन सभी कार्यक्रमों का उद्देश्य शहरी जीवन की गुणवत्ता में वृद्धि और आर्थिक विकास है। मोदी ने कहा, “भारत के इतिहास में 25-26 जून को कभी नहीं भूला जा सकता। देश में सत्ता के लिए आपातकाल लगा दिया गया था।” इससे पहले मोदी ने ट्विटर पर आपातकाल के बारे में लिखा था। उन्होंने लिखा कि 25 जून, 1975 से 21 मार्च, 1977 का दौर देश के काले अध्यायों में से एक था। आपातकाल के 40 साल पूरे होने के अवसर पर उन्होंने ट्विटर पर कई ट्वीट किए और लोगों से लोकतांत्रिक विचारों एवं मूल्यों को मजबूत बनाने की हरसंभव कोशिश करने की अपील की।

मोदी ने ट्विटर पर लिखा, “भारत के काले अध्यायों में से एक आपातकाल को 40 साल हो गए हैं, जब राजनीतिक नेतृत्व ने लोकतंत्र को कुचल दिया था।” उन्होंने लिखा, “एक जागरूक उदारवादी लोकतंत्र विकास का प्रमुख माध्यम है। आइये हम सब मिलकर अपने लोकतांत्रिक विचारों एवं मूल्यों को मजबूत करने का हरसंभव प्रयास करें।” गौरतबल है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपनी सरकार तथा देश की संप्रभुता को आंतरिक एवं बाहरी दोनों ताकतों से खतरा करार देते हुए 25 जून, 1975 को देश में आपातकाल लागू कर दिया था और लोगों के अधिकार सीमित कर दिए थे। इंदिरा गांधी के इस कदम के विरोध में और लोकतंत्र की रक्षा के लिए जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में देश की जनता, खासकर युवा स्वत:स्फूर्त सड़कों पर उतर आए थे।

मोदी ने ट्वीट किया, “हमें गर्व है कि लाखों लोगों ने आपातकाल का विरोध किया, जिनकी वजह से लोकतंत्र का ताना-बाना सुरक्षित हो पाया।” उन्होंने लिखा, “आपातकाल से जुड़ी मेरी कुछ व्यक्तिगत यादें भी हैं। एक युवा के रूप में हमें आपातकाल विरोधी आंदोलन से बहुत कुछ सीखने को मिला।” एक अन्य ट्वीट में मोदी ने लिखा, “आपातकाल लोकतंत्र की वापसी के लिए जंग करने वाले नेताओं और संगठनों के साथ काम करने का एक बड़ा अवसर था।”

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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