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प्रादेशिक

शिवराज चौहान का ‘प्रलोभन-ऑडियो’ वायरल

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भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और एक भाजपा नेता के बीच हुई बातचीत का कथित ऑडियो टेप सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। इससे यह उजागर हुआ है कि बातचीत के दौरान शिवराज भाजपा नेता राजेंद्र चौधरी को मंदसौर के गरोठ विधानसभा उपचुनाव में पार्टी के उम्मीदवार का साथ देने के एवज में चुनाव के बाद उन्हें सम्मानित करने (कोई पद देने) का भरोसा दिला रहे हैं। वहीं, भाजपा ने इस ऑडियो में चौहान की आवाज न होने व चुनाव को भटकाने की कांग्रेस की कोशिश करार दिया।

मंदसौर के गरोठ विधानसभा में उपचुनाव हो रहा है, यहां भाजपा की ओर से नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र चौधरी भी टिकट के दावेदार थे, मगर पार्टी ने चंदर िंसंह सिसोदिया को उम्मीदवार बनाया। मतदान 27 जून को होना है और भाजपा को भितरघात का खतरा है। इसी बीच मुख्यमंत्री और चौधरी के बीच हुई बातचीत का कथित ऑडियो सामने आया है। यह ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। इस ऑडियो में भाजपा नेता चौधरी को चौहान भरोसा दिला रहे हैं कि चुनाव होने के बाद वे उन्हें सम्मानित करेंगे। यह चुनाव उनके और पार्टी देानों के लिए महत्वपूर्ण है। चुनाव हारने पर फजीहत सभी की होगी। इतना ही नहीं, इस कथित ऑडियो में चौहान पोरवाल समाज का वोट भाजपा को दिलाने और समर्थकों से सिसोदिया के समर्थन में काम करने की बात चौधरी से कह रहे हैं।

इस ऑडियो में चौहान भाजपा नेता से यह भी कह रहे हैं, “टिकट के लिए तुम्हारा भी दावा बनता था, तुम्हारा भी हक बनता था, मगर टिकट एक ही को दिया जा सकता था, तुम पार्टी व उम्मीदवार के लिए काम करो, मैं तुम्हारी चिंता करूंगा। चुनाव के बाद आपको सम्मानित करने का काम मैं करूंगा। इससे (विधायक) से भी अच्छी स्थिति में ला दूंगा।” यह कथित ऑडियो राज्य में चर्चा का विषय बन गया है। भाजपा के प्रदेश संवाद प्रमुख डॉ. हितेश वाजपेयी ने कहा, “यह कांग्रेस की चाल है, वह चुनाव को भटकाना चाहती है।”

उन्होंने दावा किया कि जो ऑडियो वायरल हुआ है, उसमें शिवराज की आवाज नहीं है, कांग्रेस इस तरह के हथकंडे अपनाती रहती है।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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