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प्रादेशिक

बिहार : स्कूल निदेशक की नृशंस हत्या, थाना प्रभारी निलंबित

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बिहारशरीफ। बिहार के नालंदा जिले में एक निजी विद्यालय के निदेशक की ग्रामीणों द्वारा पीट-पीटकर हत्या कर देने के विरोध में सोमवार को हिलसा के लोग सड़क पर उतर आए और सड़क जाम कर दिया। आक्रोशित लोग पूरे मामले की जांच कराने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कारवाई की मांग कर रहे हैं। इस बीच नालंदा थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है।

पुलिस के अनुसार, नीरपुर गांव स्थित देवेन्द्र पब्लिक स्कूल के निदेशक देवेन्द्र प्रसाद का शव सोमवार को हिलसा पहुंचते ही लोग आक्रोशित हो गए और क्षेत्र के सभी मागरें को जामकर कर दिया। लोगों ने सड़क पर आगजनी कर आवागमन बाधित कर दिया। गुस्साए लोगों ने रेलवे लाइन को भी जाम कर दिया। इस दौरान आक्रोशित लोगों ने जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक और अनुमंडल अधिकारी के वाहनों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। लोगों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को हल्का प्रयोग भी करना पड़ा।

आक्रोशित लोग दोषियों के खिलाफ कारवाई की मांग कर रहे थे। मृतक निदेशक की पुत्री स्वर्णलता ने पूरे मामले की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सबीआई) से कराने की मांग की और कहा कि उनके पिता की हत्या पुलिस की मौजूदगी में पीट-पीटकर की गई है। पुलिस ने इस दौरान कोई कदम नहीं उठाया।

नालंदा के पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ मोहन जैन ने सोमवार को बताया कि इस मामले में न्यूज चैनलों के फुटेज के आधार पर दोषियों के खिलाफ कारवाई की जाएगी। इस बीच कर्तव्यहीनता के आरोप में नालंदा के थाना प्रभारी सुनील कुमार को निलंबित कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि स्कूल के दो छात्रों सागर कुमार और रवि कुमार का शव रविवार को स्कूल के छात्रावास के पास से बरामद किया गया था। शव की बरामदगी के बाद ग्रामीण आक्रोशित हो गए थे और विद्यालय के निदेशक प्रसाद की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी तथा स्कूल बसों और भवन में आग लगा दी थी। घटना के बाद से क्षेत्र में तनाव व्याप्त है।

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उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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