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प्रादेशिक

आकण्ठ भ्रष्टाचार मे डूबी यूपी सरकार को हटाना जरूरी : स्वतंत्र देव सिंह

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-प्रदेश सरकार के विरोध मे भाजपाईयो ने कलेक्टेट मे दिया धरना

-प्रदेश सरकार पर हर मोर्चे पर विफल रहने का लगाया आरोप

मनोज तिवारी

हरदोई । प्रदेश सरकार के विरोध मे भारतीय जनता पार्टी के द्वारा आयोजित धरना प्रर्दशन कार्यक्रम मे पहुंचे प्रदेश के भाजपा नेताओं ने यूपी सरकार को हर मोर्चे पर विफल रहने वाली सरकार बताते हुये किसानो की चेक वितरण मे धांधली बिजली की समस्या पत्रकारों की हत्या खराब कानून व्यवस्था महिला एवं व्यापारी उतपीडन आदि पर जमकर घेरा और कहा की आने वाले 2017 के चुनाव मे ऐसी सरकार को उखाड़ फेंके।

हरदोई सदर से भाजपा सांसद अशुंल वर्मा के नेत्रत्व मे आयोजित धरना प्रर्दशन कार्यक्रम मे मुख्य अतिथि के रूप मे भाजपा के प्रदेश महामंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने प्रदेश सरकार को आकण्ठ भ्रष्टाचार मे डूबी सरकार होने का आरोप लगाते हुये कहा की यूपी सरकार किसान नौजवान विरोधी है। कहा की आज प्रदेश मे हत्या दुष्कर्म गुंडागर्दी चरम पर है जिसके तहत लोक तंत्र के चतुर्थ स्तम्भ पत्रकारों की हत्या जैसी वारदाते भी हो रही हैं। उन्होने कहा की इस सरकार मे प्रदेश के किसानों को मुवाजा नहीं मिल रहा है। उन्होने कहा की केंद्र की भाजपा सरकार ने पाँच सौ करोड़ रुपये के बजाए प्रदेश सरकार को एक हजार करोड़ रुपये मुआवजा राशि के तौर पर उपलब्ध कराई लेकिन अभी तक उसका वितरण किसानों को नहीं किया गया है। उन्होने केंद्र की कई अन्य योजनाओं के क्रियान्वयन को सुचारु रूप से लागू न किए जाने का आरोप प्रदेश सरकार पर लगाया।

प्रदेश महामंत्री ने किसानों से अपील की कहा की कई बच्चों को अच्छी तरह से शिक्षित करें तभी वह कुशल नागरिक बनकर राष्ट्र निर्माण की भूमिका मे अग्रणी रह सकेंगे। उन्होने भाजपा कार्यकर्ताओं से प्रदेश सरकार के विरुद्ध एकजुट होकर सरकार के क्रियाकलापों को जनता के सामने लाकर जन सहयोग की भावना से जनहित कार्य करके केंद्र की मोदी सरकार की जनहित करी योजनाओं को सफल बनाएँ। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भाजयुमों शिव भूषण सिंह ने आरोप लगाते हुये कहा की प्रदेश सरकार मे सिपाही की भर्ती की गयी जिसमे इटावा मैनपुरी कन्नौज से 36 हजार भर्ती किए गए यह क्या है। सांसद अंशुल वर्मा ने कहा प्रदेश मे गुण्डाराज कायम है कोई भी अपने को महफूज महसूस नही करता है। सभा को सांसद डाक्टर अंजू बाला आदि ने भी संबोधित किया। सभी वक्ताओं ने प्रदेश सरकार पर हर मोर्चा पर विफल रहने का आरोप लगते हुये जाति वादी होने का भी आरोप लगाया। इस दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष राजीव रंजन मिश्रा भाजपा युवा मोर्चा सदींप सिहं अखिलेश पाठक माधवेन्द्र प्रताप सिंह रानू अजित सिंह बब्बन गंगा सिंह चौहान जीत सिंह रामबहादुर सिंह सुरेन्द्र कुमार दुबे सतीश वर्मा अवध सिंह बागी पशुपति शंकर बाजपेयी आदि तमाम पदाधिकारी व क्रार्यकर्ता मौजूद रहे।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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