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रैना ने ललित मोदी के आरोपों को खारिज किया, कर सकते हैं कानूनी कार्रवाई

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suresh raina

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नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के हरफनमौला खिलाड़ी सुरेश रैना ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के पूर्व प्रमुख ललित मोदी द्वारा अपने ऊपर लगाए गए सट्टेबाजी के आरोपों को सिरे से खारिज किया है। रैना ने आरोपों का खंडन करने के साथ-साथ यह भी कहा कि वह अपने ऊपर झूठे आरोप लगाने के लिए मोदी के खिलाफ ‘कानूनी कार्रवाऊ’ करने पर भी विचार कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि मोदी ने शनिवार को कई ट्वीट कर रैना सहित तीन क्रिकेट खिलाड़ियों पर एक भारतीय व्यवसायी से रिश्वत लेने का आरोप लगाते हुए दावा किया है कि रियल एस्टेट कारोबारी बाबा दीवान ने आईपीएल में खेलने वाले तीन खिलाड़ियों को रुपयों के अलावा रिश्वत के रूप में फ्लैट दिए। रैना ने गुरुवार को एक वक्तव्य जारी कर कहा, “हाल ही में मीडिया में मेरे भ्रष्टाचार में संलिप्त होने को लेकर आई खबरों के बारे में मैं पूरी दुनिया के अपने प्रशंसकों से कहना चाहूंगा कि मैंने हमेशा नेकनियती से और पूरे जी-जान से खेला है।”

रैना ने कहा, “मैं कभी भी किसी तरह के भ्रष्टाचार में संलिप्त नहीं रहा तथा मेरे ऊपर लगे सारे आरोप झूठे हैं। क्रिकेट खेलना मेरा जुनून है, चाहे किसी भी टीम के लिए मुझे खेलने का मौका मिला हो।” उन्होंने कहा, “मैं इस मामले में आगे की कार्यवाही के लिए अपने कानूनी अधिकारों पर भी विचार कर रहा हूं।” मोदी ने दावा किया है कि दीवान सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सट्टेबाजी के दोषी पाए गए गुरुनाथ मयप्पन और राज कुंद्रा का निकट मित्र है। मोदी ने ट्वीट पर अपनी एक चिट्ठी भी पोस्ट की, जिसे मोदी ने अक्टूबर, 2013 में आईसीसी के मुख्य कार्यकारी डेविड रिचर्डसन को भेजा था और यह सारी सूचना देते हुए कार्रवाई की मांग की थी।

आईसीसी ने मोदी के खुलासे के बाद रविवार को स्वीकार किया कि उन्हें मोदी से एक गोपनीय ईमेल मिला था, जिसे आईसीसी ने बीसीसीआई की भ्रष्टाचार रोधी इकाई से भी साझा किया था। आईसीसी ने बताया कि भ्रष्टाचार रोधी एवं सुरक्षा इकाई (एसीएसयू) को भी यह सूचना दे दी गई है, जो अपनी मानक प्रक्रिया के अनुसार इस पर कार्रवाई कर रहा है।

मोदी ने जिन तीन खिलाड़ियों पर आरोप लगाया है उनसे हालांकि अब तक बीसीसीआई या आईसीसी ने कोई पूछताछ नहीं की है। बीसीसीआई ने तो तीनों खिलाड़ियों को सारे आरोपों से बरी भी कर दिया है।

प्रादेशिक

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले नए डीजीपी की नियुक्ति

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी। कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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