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प्रादेशिक

बिहार : छात्र की मौत के विरोध में बंद, यातायात प्रभावित

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पटना,बिहार में जन अधिकार पार्टी, छात्र सिकू राज की मौत,बंद समर्थक रेलवे स्टेशनों,विभिन्न जिला मुख्यालयों,जहानाबाद, मधेपुरा

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पटना | बिहार में जन अधिकार पार्टी की ओर से छात्र सिकू राज की मौत के विरोध में शनिवार को बंद बुलाया गया, जिसका असर राज्य में सबसे ज्यादा यातायात और आवागमन पर पड़ा है। बंद समर्थक रेलवे स्टेशनों और सड़कों पर उतर आए हैं, जिससे यातायात सेवा बुरी तरह बाधित हुई है। गया जिले के कोच थाना क्षेत्र के अंतर्गत मुरेरा गांव निवासी स्नातक का छात्र सिकू राज गुरुवार को सीमा सुरक्षा बल की परीक्षा देने किशनगंज गया था, जहां पुलिस की कथित रूप से पिटाई में वह गंभीर रूप से घायल हो गया था और पटना के अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी।

पुलिस ने बताया कि शनिवार को बंद के मद्देनजर जन अधिकार पार्टी के कार्यकर्ता राजधानी पटना सहित विभिन्न जिला मुख्यालयों पर सुबह से ही सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं।  वहीं, पार्टी के संरक्षक और सांसद पप्पू यादव पटना में खुद सड़कों पर निकले और लोगों से अपनी दुकानें तथा प्रतिष्ठान बंद करने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह केवल सिकू राज की मौत का मुद्दा नहीं है, बल्कि बिहार में बढ़ रही आपराधिक घटनाओं का भी विरोध है।  बंद समर्थकों ने आरा रेलवे स्टेशन पर आरा-बक्सर पैसेंजर ट्रेन को रोक कर रेल मार्ग अवरुद्ध कर दिया। पुलिस अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद ही बंद समर्थक वहां से हटे। इधर, जहानाबाद, मधेपुरा और सहरसा में भी बंद का व्यापक असर देखा जा रहा है। बंद समर्थकों ने सड़कों पर टायर जलाकर मार्गो को अवरुद्ध कर दिया। पटना के बाढ़ में प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 31 को जाम कर दिया।

सांसद पप्पू यादव ने बताया कि बंद के समर्थन में हजारों छात्र सुबह से ही सड़कों पर उतर आए हैं और प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “बिहार सरकार छात्रों के अरमानों को कुचल रही है। यहां नौकरी मांगने वालों को मौत दी जा रही है।” पप्पू यादव के नेतृत्व वाली जन अधिकार पार्टी के बंद का समर्थन पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा भी कर रही है।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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