प्रादेशिक
कर्नाटक में बारिश की उम्मीद
बेंगलुरू| तटीय कर्नाटक, दक्षिण कर्नाटक और उत्तरी कर्नाटक के अधिकांश स्थानों पर बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ने की उम्मीद है। मौसम विभाग के एक अधिकारी ने सोमवार को तटीय कर्नाटक, दक्षिण कर्नाटक और उत्तरी कर्नाटक में बारिश का अनुमान जताया।
तटीय कर्नाटक में उत्तर कन्नड़, उडुपी तथा दक्षिण कन्नड़ जिले शामिल हैं, जबकि उत्तरी कर्नाटक में बेलगाम, बीजापुर, बगलकोट, बिदार, बेल्लारी, गुलबर्ग, यादगीर, रायचुर, गडग, धारवाड़, हावेरी और कोप्पल जिले शामिल हैं। वहीं, दक्षिण कर्नाटक में चामराजानगर, चिक्कबल्लपुर, कोडागू कोलार, हासन, मांड्या, मैसूर रामनगर और तुमकुर जिले शामिल हैं।मौसम विभाग के अनुसार, बेंगलुरू के कुछ इलाकों में बादल छाए रह सकते हैं और हवा के साथ बारिश हो सकती है।
बेंगलुरू में रविवार तक बारिश नहीं हुई और यहां आद्र्रता 88 प्रतिशत दर्ज की गई।अधिकारी ने कहा, “बेंगलुरू में अधिकतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस के आसपास रह सकता है।”बेंगलुरू में रविवार को अधिकतम तापमान 31.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से तीन डिग्री अधिक था। वहीं, न्यूनतम तापमान 20.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से एक डिग्री अधिक रहा।कर्नाटक के रायचुर में रविवार को अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि गुलबर्ग में 37.8 डिग्री और बीजापुर में 35 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
उत्तर प्रदेश
कानपुर-उन्नाव को जोड़ने वाला 150 साल पुराना ब्रिटिश कालीन पुल ढहा, किसी तरह की जनहानि नहीं
उन्नाव। उन्नाव-कानपूर को जोड़ने वाला गंगा नदी पर बना ब्रिटिश शासनकाल का ऐतिहासिक पुल मंगलवार को ढह गया। गनीमत रही कि पुल तीन साल पहले ही जर्जर स्थिति के कारण यातायात के लिए बंद कर दिया गया था, जिसके कारण किसी तरह की जनहानि नहीं हुई।
कानपुर-उन्नाव को जोड़ने वाला यह पुल कभी लोगों की लाइफ लाइन था और हजारों लोग इसी पुल के जरिए हर रोज आवागमन करते थे।2021 में पुल जर्जर होने के कारण इस पर चलने वाले आवागमन बंद कर दिया गया था। यह पुल को ब्रिटिश काल में 1874 में अवध एंड रूहेलखंड लिमिटेड कंपनी ने बनवाया गया था। रेजीडेंट इंजीनियर एसबी न्यूटन और असिस्टेंट इंजीनियर ई. वेडगार्ड की देखरेख में 800 मीटर लंबा यह पुल तैयार हुआ था। पुल की आयु 100 वर्ष बताई गई थी, लेकिन यह 150 साल तक खड़ा रहा। इसके बाद पुल की संरचना में गिरावट आनी शुरू हो गई थी।
पुल की संरचना में बड़ी दरारें आने के बाद 5 अप्रैल 2021 को मध्यरात्रि में इसे बंद कर दिया गया। दरारें खासतौर पर पुल की कानपुर तरफ की कोठियों 2, 10, 17 और 22 नंबर की कोठियों में आई थीं। पुल को फिर से चालू करने के लिए इंजीनियरों ने जांच की थी और इस पर आवागमन को चालू रखने लायक नहीं बताया था। पुल पर आवागमन बंद करने के लिए उन्नाव और कानपुर की तरफ पुल पर दीवार खड़ी कर दी गई थी।
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