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प्रादेशिक

व्यापमं घोटाला : कांग्रेस, भाजपा विधायकों में धक्का-मुक्की, नेता प्रतिपक्ष घायल

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भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन हंगामे के चलते कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। इसके बाद सदन के बाहर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों के बीच जमकर धक्का-मुक्की हुई। इस घटना में नेता प्रतिपक्ष सत्यदेव कटारे को चोट आई है।

कांग्रेस ने मानसून सत्र के दूसरे दिन व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे की मांग को लेकर जमकर हंगामा किया। भाजपा के विधायकों ने भी कांग्रेस के खिलाफ नारेबाजी की। विधानसभाध्यक्ष सीता शरण शर्मा ने सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित की, मगर हंगामा नहीं थमा। बाद में उन्होंने कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी।

सदन से बाहर निकले कांग्रेस और भाजपा के विधायकों ने एक-दूसरे के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। नारेबाजी धक्का-मुक्की में बदल गई। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष कटारे की पसली में चोट आ गई, कांग्रेस विधायक रजनीश सिंह, मधु भगत जमीन पर गिर गए। कटारे को बाद में विधानसभा से एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। कटारे ने कहा कि उनके साथ भाजपा विधायक सुदर्शन गुप्ता, मनोज पटेल और अन्य दो विधायकों ने धक्का-मुक्की की और पीछे से साथ मुक्का मारा। इससे उनकी पसली में चोट आई है।

भाजपा विधायक पटेल ने कहा, “कटारे सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए इस तरह के आरोप लगा रहे हैं। हां, विधानसभा के बाहर भाजपा विधायकों ने नारेबाजी जरूर की थी। कटारे को कांग्रेस के विधायक ही घेर कर चल रहे थे, मुझे नहीं लगता कि कटारे को किसी ने मारा हो, अगर ऐसा हुआ होगा तो कांग्रेस के ही किसी विधायक ने ऐसा किया होगा।” विधानसभाध्यक्ष शर्मा ने कहा कि कांग्रेस विधायकों ने उनसे शिकायत की है कि उनके साथ धक्का-मुक्की हुई है। संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि कांग्रेस को न तो व्यापमं से मतलब है और न ही मौतों से, वह सिर्फ राजनीति करना चाहती है।

इससे पहले कांग्रेस विधायक प्रश्नकाल से पहले व्यापमं पर चर्चा कराने और मुख्यमंत्री चौहान के इस्तीफे की इस मांग को लेकर हंगामा करने लगे। संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा नियमों का हवाला देते रहे। भाजपा विधायकों ने कांग्रेस के खिलाफ नारेबाजी की। विधानसभाध्यक्ष सीता शरण शर्मा ने दोनों पक्षों को शांत रहने की हिदायत दी, मगर उन्हें अनसुना कर दिया गया, फिर विधानसभाध्यक्ष ने कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी।

विधानसभा की बैठक दोबारा शुरू हुई तो भाजपा विधायकों ने कांग्रेस के रवैए को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। कांग्रेस विधायक व्यापमं को लेकर अपना विरोध दर्ज कराते रहे। हंगामा बढ़ते देख विधानसभाध्यक्ष ने दोबारा कार्यवाही स्थगित कर दी। हंगामे के चलते प्रश्नकाल नहीं हो पाया। तीसरी बार कार्यवाही शुरू होने पर भी हंगामा जारी रहा, लिहाजा सदन की कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। विधानसभा में हंगामे के बीच सरकार ने तय शासकीय कार्य पूरे कर लिए।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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