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प्रादेशिक

बिजली मंत्रालय : झूठे दावे, मामूली सुधार

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नई दिल्ली। बिजली उत्पादन में एक साल में सर्वाधिक वृद्धि, बिजली उत्पादन का आंकड़ा 1,000 अरब यूनिट तक पहुंचा, बिजली किल्लत अब तक के इतिहास में सबसे कम (3.6 फीसदी) और कोयला उत्पादन 3.2 करोड़ टन बढ़ा। ये कुछ दावे हैं, जो कोयला और बिजली मंत्रालय ने अपने कार्यप्रदर्शन में किए हैं।

इंडियास्पेंड के फैक्टचेकर ने इस बारे में तहकीकात करने पर पाया कि अधिकतर दावे बढ़ाचढ़ाकर किए गए हैं।

1. बिजली उत्पादन में सर्वाधिक वृद्धि

दावा : बिजली उत्पादन क्षमता अब तक की सर्वाधिक 22,566 मेगावाट। मंत्रालय के मुताबिक किसी भी एक साल में सर्वाधिक वृद्धि दर्ज की गई है।

सच्चाई : बिजली उत्पादन 2011-12 में 20,502 मेगावाट और 2012-13 में 20,623 मेगावाट रही थी। सर्वाधिक वृद्धि हालांकि 2010-11 और 2011-12 के बीच 8,341 मेगावाट की हुई थी।

2. इतिहास में पहली बार 1,000 अरब यूनिट बिजली उत्पादन

दावा : देश के इतिहास में पहली बार 1,000 अरब यूनिट बिजली उत्पादन।

सच्चाई : 2009-10 में 772 अरब यूनिट और 2013-14 में 967 अरब यूनिट उत्पादन। इस पांच साल में उत्पादन 200 अरब यूनिट बढ़ा, जो 25.4 फीसदी की वृद्धि है।

इसलिए 1,000 अरब यूनिट तक पहुंचने के लिए सिर्फ 33 अरब यूनिट या 3.4 फीसदी अतिरिक्त उत्पादन की जरूरत थी।

3. बिजली की किल्लत सबसे कम

दावा : किल्लत घटकर 3.6 फीसदी रही, जो अब तक सबसे कम है।

सच्चाई : 2006-10 अवधि में किल्लत करीब 10 फीसदी थी, जो 2013-14 में घटकर 4.2 फीसदी रह गई, जो तब तक सबसे कम थी। इसलिए इसका घटकर 3.6 फीसदी तक पहुंचना सिर्फ 0.6 फीसदी की गिरावट है।

4. पवन ऊर्जा क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि

दावा : 2014-15 में 2,312 मेगावाट पवन बिजली क्षमता स्थापित, जो 2013-14 की 2,083 मेगावाट के मुकाबले काफी अधिक है।

सच्चाई : 2010-11 (2,349 मेगावाट) और 2011-12 (3,196 मेगावाट) में कहीं अधिक उत्पादन क्षमता स्थापित हुई थी।

5. छोटी पनबिजली परियोजनाओं में उल्लेखनीय वृद्धि

दावा : 2014-15 में 251 मेगावाट क्षमता स्थापित, जो 2013-14 में 171 मेगावाट स्थापित हुई थी।

सच्चाई : 2011-12 में 352 मेगावाट और 2012-13 में 237 मेगावाट क्षमता स्थापित हुई थी।

6. कोयला उत्पादन चार साल में सर्वाधिक : संसद में एक मंत्री द्वारा पेश आंकड़ा हालांकि कुछ और कहता है

दावा : 2014-15 में 3.2 करोड़ टन वृद्धि और कुल उत्पादन 49.4 करोड़ टन, जो 2013-14 में 46.2 करोड़ टन था। यह वृद्धि गत वर्ष की वृद्धि से अधिक है।

सच्चाई : मंत्रालय ने 2013-14 के लिए 46.2 करोड़ टन उत्पादन बताया है, जबकि कोयला मंत्री ने 17 जुलाई 2014 को संसद में कहा कि 2013-14 में 56.6 करोड़ टन उत्पादन हुआ है।

इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि 2014-15 में 49.4 करोड़ टन उत्पादन इससे पहले के पांच साल (2009-10 से 2013-14 के बीच) में प्रत्येक साल के उत्पादन से कम रहा है।

 

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उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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