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प्रादेशिक

उप्र : श्रमिकों के बच्चे पढ़ेंगे आवासीय विद्यालयों में

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ललितपुर। उत्तर प्रदेश सरकार अब मजदूरों के बच्चों को आवासीय विद्यालय में पढ़ाने जा रही है। जिले में दो आवासीय विद्यालय खोले गए हैं। इनमें श्रमिकों के बच्चों को कक्षा 1 से 8 तक की शिक्षा के साथ-साथ यूनीफार्म किताबें व खेल सुविधाएं भी नि:शुल्क दी जाएंगी। सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड ने चित्रकूट स्थित महिला सामाख्या संस्था को यह जिम्मा सौंपा है। श्रमिक कल्याण बोर्ड द्वारा भेजी गईं राज्य समन्वयक अशमा व संस्था की जिला कार्यक्रम समन्वयक चंद्रकांता ने बताया कि जिले में दो आवासीय छात्रावास खोले गए हैं, जिसमें 1 अगस्त से पढ़ाई शुरू करा दी जाएगी। इसके लिए संस्था ने शिक्षक-शिक्षिकाओं के अलावा समस्त स्टाफ का चयन भी कर लिया है।

छात्राओं के लिए एक गोविंद सागर बांध तिराहे पर व दूसरा कैलगुवां तिराहा पर खोला गया है। इनमें 100 छात्र व 100 छात्राओं की रहने की सुविधा रहेगी।

उन्होंने बताया कि इन छात्रावासों में 6 से 14 साल तक के बच्चों को कक्षा 1 से 8वीं तक की शिक्षा दी जाएगी। इन विद्यालयों में प्रशिक्षित शिक्षक व स्टाफ रहेगा। हर विद्यालय में 100 बच्चों के लिए ब्रेक फास्ट, खाना, पुस्तक, ड्रेस व खेल के सामान की नि:शुल्क व्यवस्था रहेगी। इन आवासीय छात्रावासों में पंजीकृत श्रमिकों के ही बच्चे दाखिला ले सकेंगे।

महिला सामाख्या संस्था चित्रकूट द्वारा 22 से 27 जुलाई तक कैम्प लगाकर बच्चों व उनके अविभावकों को आवासीय छात्रावास में दाखिला देने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। अभी तक कुल 115 छात्र-छात्राओं ने पंजीयन करा लिया है, जिसमें 73 छात्र व 42 छात्राएं शामिल हैं। संस्था द्वारा शहरी क्षेत्र व गांव-गांव जाकर भी श्रमिकों व उनके बच्चों को आवासीय छात्रावास में पढ़ने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

महिला सामाख्या संस्था की ब्लॉक कोआर्डिनेटर उषा मिथिलेश, कलस्तर सोली पर्सन, गायत्री, पुष्पा, उर्मिला तथा महिला शिक्षण केंद्र की शिक्षिका विभा श्रीवास्तव श्रमिकों व उनके बच्चों को शिक्षण कार्य के लिए प्रेरित कर उन्हें दाखिला दिला रही हैं।

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