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प्रादेशिक

मांझी-निषाद समाज का धरना स्थगित

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लखनऊ। पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के निधन के कारण नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर मांझी-निषाद समाज का पूर्व नियोजित धरना स्थगित कर दिया गया है।

राज्यमंत्री शंखलाल मांझी ने आईपीएन को बताया कि निषाद, मल्लाह, कश्यप, बिंद आदि जातियों द्वारा नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर 29 जुलाई को प्रस्तावित धरना प्रदर्शन पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के निधन के कारण निरस्त कर दिया गया है।

मांझी ने कहा कि यह धरना 17 जातियों को अनुसूचित जाति का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर प्रस्तावित था। समाजवादी पार्टी ने इस दिशा में पहल की थी। प्रदेश की सपा सरकार इस संबंध में केंद्र सरकार को मंत्रिमंडल का प्रस्ताव भी भेज चुकी है। मालूम हो कि आयोजित धरना मांझी और सांसद विशम्भर प्रसाद निषाद की अगुवाई में होना प्रस्तावित था।

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नेशनल

दिल्ली में सांस लेना है कितना खतरनाक, देखें इस खबर को

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नई दिल्ली। दिल्ली और उसके आस-पास के इलाकों में प्रदूषण से लोगों को राहत मिलती नजर नहीं आ रही है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, शुक्रवार सुबह 6 बजे दिल्ली के अधिकतर इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 400 के करीब दर्ज किया गया. जो कि ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है. आज दिल्ली के अलीपुर में AQI 362, आनंद विहार में 393, जहांगीरपुरी में 384, मुंडका में 396, नरेला में 383, नेहरू नगर में 362, पंजाबी बाग में 370, शादीपुर में 398, रोहिणी में 381 और विवेक विहार में 395 दर्ज किया गया. वायु प्रदूषण के कारण कई लोगों को सांस लेने में और आंखों में जलन की परेशानी हो रही है.

जीवन के 12 साल छीन रहा वायु प्रदूषण

बता दें कि शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को अच्छा माना जाता है। वहीं 51 से 100 एक्यूआई को संतोषजनक, 101 से 200 के बीच मध्यम, 201 से 300 के बीच खराब, 301 से 400 के बीच बहुत खराब और 401-500 के बीच एक्यूआई को गंभीर श्रेणी का माना जाता है। एक्सपर्ट्स की मानें तो दिल्ली का प्रदूषण लोगों के जीवन के 12 साल उनसे छीन रहा है। वहीं कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि दिल्ली के वायु प्रदूषण में एक दिन सांस लेने का मतलब है दिन भर में 10 से अधिक सिगरेट के बारबर धुएं को अपने शरीर में लेना। बता दें कि दिल्ली के वायु प्रदूषण के मामले पर सुप्रीम कोर्ट भी सख्त है।

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