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प्रादेशिक

यूपी : गांव की आबादी 1361, मतदाता 1876

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बलिया। उत्तर प्रदेश के रेवती विकास खंड अंतर्गत विभिन्न ग्राम सभाओं में बीएलओ द्वारा किए गए मतदाता पुनरीक्षण कार्य में अनियमितता का मामला सामने आया है। गड़बड़ी का आलम यह है कि दर्जनों गांवों में जनसंख्या से ज्यादा लोग मतदाता हो चुके हैं। यह बात सामने आने से संबंधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों का हाथ-पांव फूलने लगे हैं। आनन-फानन में अनियमितता को दुरुस्त करने की कवायद शुरू हो चुकी है।

ग्राम सभा कंचनपुर के सूची पर नजर डालें तो वर्ष 2011 की जनसंख्या के अनुसार यहां 1260 की जनसंख्या थी, जो 2015 में 1361 है, लेकिन सूची के अनुसार मतदाता की संख्या 1876 यानी 138 प्रतिशत है। जगदीशपुर में 2011 के अनुसार 1423 एवं 2015 में 1537 की जनसंख्या के सापेक्ष 1876 मतदाता हैं।

इसी तरह त्रिकालपुर में 2011 में 2330 व 2015 में 2516 की जनसंख्या में सापेक्ष 2951 मतदाता है। खानपुर में 2011 में 1788 व 2015 में 1931 की जनसंख्या के सापेक्ष 2125 मतदाता है। गायघाट में 2011 में 6371 व 2015 में 6881 के सापेक्ष 7529 मतदाता है। पचरूखा के आकड़े पर गौर करें तो 2011 के अनुसार 2263 व 2015 में 2444 के सापेक्ष 2666 मतदाता है।

रामपुर मसरीक में 2011 में 1158 व 2015 में 1251 के सापेक्ष 1302 मतदाता है। सूची में कई ऐसी भी ग्राम सभाएं हैं, जहां मत प्रतिशत 50 प्रतिशत से भी कम है। सूची में गड़बड़ी को ठीक करने के लिए जिला साक्षरता अधिकारी अतुल तिवारी के नेतृत्व में कवायद जारी है। ब्लॉक के एक अधिकारी प्रमोद कुमार यादव ने बताया कि नियमत: जनसंख्या के 65 प्रतिशत ही मतदाता होने चाहिए।

उन्होंने बताया कि बाहर रह रहे व्यक्तियों के नाम सूची से हटाए जा रहे हैं, ताकि आंकड़ा 65 प्रतिशत से ज्यादा न रहे। अगर किसी ऐसे व्यक्ति का नाम गलती से कट जाएगा, जो यहां का निवासी हो, तो ऐसे लोगों के नाम साक्ष्य लेकर आठ अगस्त तक जोड़ा जाएगा।

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उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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