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देश में बेहतर स्वास्थ्य नीति की जरूरत : देवी शेट्टी

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नई दिल्ली| अब तक हजारों हृदय रोगियों का इलाज कर चुके प्रख्यात हृदय सर्जन देवी प्रसाद शेट्टी के मुताबिक, भारत विश्व का पहला ऐसा देश बन सकता है जो यह साबित कर सकेगा कि स्वास्थ्य देखभाल के लिए संपन्नता जरूरी नहीं है। इसके लिए बेहतर स्वास्थ्य नीति की जरूरत है।

पद्मभूषण देवी शेट्टी ने आईएएनएस से कहा कि यह विडंबना है कि हमारे देश के राजनेताओं को स्वास्थ्य देखभाल कोई जरूरी मुद्दा नहीं लगता। चूंकि, भारत में युवाओं की आबादी सर्वाधिक है इसलिए वे इसे वोट पाने योग्य मुद्दा नहीं मानते हैं।

उन्होंने बताया कि देशवासियों को सस्ती और गुणात्मक स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने के लिए सरकार को किसी तरह का अतिरिक्त खर्च करने के बजाय स्वास्थ्य नीतियों को लचीला बनाना होगा।

उन्होंने कहा, “हमारे देश में यह क्षमता है कि हम दुनिया के सामने यह साबित कर सकें कि बेहतर स्वास्थ्य तंत्र होने के लिए संपन्नता आवश्यक नहीं है।”

शेट्टी ने कहा कि बीते कुछ वर्षो से वे लोग सरकार को एक विशेष स्वास्थ्य स्कीम को लागू कराने के लिए मना रहे हैं। इसके तहत देश के हर एक मोबाइल यूजर और स्वास्थ्य इंश्योरेंस स्कीम रखने वाले से बेहद कम न्यूनतम धनराशि लिए जाने का प्रावधान है।

उनके मुताबिक, देश में अगर 90 करोड़ मोबाइल उपभोक्ता हैं और वे सभी 20 रुपये प्रतिमाह जमा करते हैं तो इससे एक अच्छी स्वास्थ्य बीमा स्कीम शुरू की जा सकेगी। इससे लोगों की गंभीर बीमारियों का इलाज आसान हो जाएगा। हालांकि उन्होंने बताया कि सरकार ने उनके सुझाव पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

बेंगलुरू के नारायण हेल्थ के चेयरमैन व संस्थापक डॉ. शेट्टी को स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान के लिए 1992 में पद्मभूषण सम्मान से नवाजा गया। न्यूयॉर्क के मशहूर अखबार ‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ ने उन्हें हेनरी फोर्ड ऑफ हार्ट सर्जरी की उपाधि दी थी। कई पुरस्कारों से सम्मानित शेट्टी अब तक 15 हजार से भी अधिक लोगों की हार्ट सर्जरी कर चुके हैं।

उन्होंने कर्नाटक सरकार की ‘यशस्विनी’ स्वास्थ्य स्कीम का जिक्र करते हुए इसके फायदे गिनाए। इसके तहत गरीब किसान हर माह पांच रुपये देते हैं। उन्होंने बताया कि इससे अब तक 90 हजार किसानों की सफल सर्जरी हो चुकी है।

उनका मानना है कि आज कर्नाटक में हर एक शख्स के पास खुद का अप्रत्यक्ष स्वास्थ्य बीमा है जो कि उसकी गंभीर से गंभीर बीमारियों के इलाज में भी मदद कर सकता है।

भारत बीमारियों के इलाज के मामले में संवेदनशील नहीं हैं। हम अपने खानपान में तली हुई चीजों को प्रमुखता देते हैं, जो कि स्वास्थ्य बीमारियों की सबसे बड़ी वजह है। इसके साथ ही भारतीय खानपान में कॉब्रोहाइड्रेट, शुगर और तेल की मात्रा अधिक होने से डायबिटीज से पीड़ित मरीजों की संख्या भी ज्यादा है। उनके मुताबिक, हृदय रोग से पीड़ित मरीजों में आधे से ज्यादा डायबिटीज के शिकार हैं।

उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि लोग जैसे-जैसे आर्थिक रूप से सम्पन्न हो रहे हैं, वैसे ही समाज में धूम्रपान जैसी बुरी लत व्यापक स्तर पर बढ़ रही है। यह महिलाओं में खासतौर पर देखा जा रहा है।

उन्होंने बताया कि महिलाओं में 45 साल तक बीमारियों से लड़ने की रोधक क्षमता पुरुषों के मुकाबले कहीं ज्यादा होती है। ऐसे में वे अगर इस उम्र के बाद हृदय संबंधी रोग से ग्रसित होती हैं तो यह चिंताजनक है।

कर्नाटक में जन्मे शेट्टी ने बचपन में ही हृदय सर्जन बनने की ठान ली थी, जब उन्होंने दक्षिण अफ्रीकी सर्जन क्रिस्टियन बर्नार्ड द्वारा एक मरीज के सफल हृदय प्रत्यारोपण की खबर सुनी।

 

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IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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