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प्रादेशिक

बिहार में स्वतंत्रता दिवस की धूम, नीतीश ने फहराया तिरंगा

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पटना। बिहार में शनिवार को स्वतंत्रता दिवस धूमधाम एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। राज्य में मुख्य समारोह पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में आयोजित किया गया, जहां राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राष्ट्र ध्वज फहराया। झंडारोहण के बाद मुख्यमंत्री ने राज्य के लोगों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कई विकास योजनाओं की चर्चा की तथा न्याय के साथ विकास पर बल देते हुए कहा कि बिहार विकास के पथ पर आगे बढ़ चुका है।

उन्होंने कहा, “बिहार ने विकास किया है, विकास कर रहा है, इसके और आगे जाने की योजना है। न्याय के साथ विकास के रास्ते में बढ़ते रहेंगे, अब पीछे मुड़कर नहीं देखेंगे।” इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों को नमन किया। बिहार में चल रही विकास योजनाओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, “बिहार में शिक्षा की अनेक योजनाएं शुरू की गई हैं। लड़कियों को स्कूल भेजने के लिए साइकिल योजना आरंभ की गई। अब स्कूलों में लड़कों व लड़कियों की संख्या लगभग बराबर हो चुकी है।”

उन्होंने स्वास्थ्य और बिजली की स्थिति में सुधार करने का दावा करते हुए कहा, “हमारा नजरिया न्याय के साथ विकास का है। राज्य में बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर दिया गया है। वादा किया था कि बिजली नहीं सुधरी तो 2015 में वोट नहीं मांगेंगे। स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।” उन्होंने कहा, “प्रत्येक क्षेत्र में काम करने की कोशिश की गई है। बहुत कुछ किया गया, बहुत कुछ बाकी है। इसलिए लोक संवाद के जरिये लोगों से आगे क्या होना चाहिए, यह जानने की कोशिश की जा रही है। लोगों से मिलने वाली सलाहों के आधार पर तथा विशेषज्ञों की भी राय जानकर उसके आधार पर एक ‘विजन डाक्यूमेंट’ तैयार किया जा रहा है।”

उन्होंने आंगनबाड़ी सेविका और सहायिकाओं, मध्याह्न भोजन योजना के रसोइयों सहित निविदा पर बहाल कर्मियों के मानदेय में वृद्धि पर कहा कि इसमें राज्य सरकार अपना योगदान देगी। उन्होंने स्वतंत्रता दिवस के इस मौके पर बिहार को नई उंचाइयों पर पहुंचाने और देश की प्रगति में योगदान करने की अपील की। नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने का आग्रह करते हुए कहा कि बिहार को धन नहीं चाहिए, बल्कि नीतियों का समर्थन चाहिए।

झंडारोहण से पहले मुख्यमंत्री ने परेड का निरीक्षण किया। इस मौके पर राज्य के कई मंत्री, वरिष्ठ अधिकारी सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे। इसके पहले मुख्यमंत्री ने पटना के कारगिल चौक पहुंचकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इसके अलावा राज्य के विभिन्न सरकारी और निजी संस्थानों, राजनीतिक पार्टी के कार्यालयों में भी स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया और समारोहों का आयोजन किया गया है।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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