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प्रादेशिक

उप्र : प्रसव के 72 घंटे तक प्रसूता का इलाज अनिवार्य

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लखनऊ। प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की जिंदगी खतरे में न पड़े और उनकी मौत के आंकड़े कम रहे, इसके लिए शासन ने महत्वपूर्ण फैसला लिया है। इसके तहत निर्देश दिए गए हैं कि प्रसूता का कम से कम 72 घंटे इलाज करना जरूरी है और चिकित्सक उन्हें इलाज मुहैया कराएंगे।

स्वास्थ्य निदेशालय के आंकड़ों के अनुसार, हर साल एक जिले में 190 से 200 बच्चों की मौत हो जाती है। इसका एक कारण असुरक्षित प्रसव भी है। घर पर प्रसव का होना, अस्पतालों में जच्चा-बच्चा को अधिक समय न देना आदि कारण भी हैं। मौत के आंकड़ों को कम करने के लिए सरकार तमाम प्रयास कर रही है।

सूत्रों के मुताबिक, शासन ने निर्देश दिए हैं कि प्रसूताओं को सरकारी अस्पतालों में कम से कम तीन दिन इलाज जरूर दिया जाए। यदि परिजन प्रसव के बाद प्रसूता को ले जाना चाहते हैं, तो चिकित्सक उन्हें समझाएं। तीन दिन इलाज के लिए रखे जाने का कारण बताएं, ताकि डिस्चार्ज करने के बाद घर जाकर प्रसूताओं समस्याओं का सामना न करना पड़े।

उधर स्वास्थ्य महकमे के अधिकारियों के मुताबिक, प्रसूताओं को अस्पतालों में तब तक रखा जाता है, तब तक कि वह सामान्य न हो जाए। परिजन घर ले जाने की जल्दी करते हैं, तो डॉक्टर डिस्चार्ज कर देते हैं। शासन से जो भी निर्देश मिले हैं, उसका पालन कराया जाएगा।

 

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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