बिजनेस
प्याज ने रुलाया, अभी और बढ़ेंगी कीमतें
नई दिल्ली| देशभर में महंगे प्याज ने लोगों की आंखों से आंसू निकालना शुरू कर दिया है। देश के कई हिस्सों में गुरुवार को प्याज की कीमत 70 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई, जिसे लेकर अधिकांश लोग सरकार को कोसते नजर आए।
नासिक के नेशनल हॉर्टिकल्चर रिसर्च एंड डेवलपमेंट फाउंडेशन (एनएचआरडीएफ) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि प्याज की कीमत में सितंबर के अंत तक कमी नहीं होने के आसार हैं।
फाउंडेशन ने यह भी कहा है कि इस साल जुलाई में 40 लाख टन प्याज का भंडारण हुआ था, जिसमें 50 फीसदी खत्म हो चुका है और लगभग 16-18 लाख टन प्याज शेष बचा हुआ है।
राष्ट्रीय राजधानी में प्याज 65 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रहा है, जबकि एक महीने पहले ही इसकी कीमत 25 रुपये प्रति किलोग्राम थी।
चंडीगढ़, शिमला तथा इससे जुड़े इलाकों में प्याज 70 रुपये प्रति किलोग्राम और इससे भी अधिक कीमत पर बिक रहा है।
चंडीगढ़ में एक ढाबे के मालिक ने आईएएनएस से कहा, “हमने अपने ग्राहकों से कह दिया है कि मुफ्त में मिलने वाले सलाद में अब प्याज नहीं मिलेगा। एक प्लेट प्याज के सलाद के लिए 30 रुपये अतिरिक्त भुगतान करना पड़ेगा।”
मुंबई में एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि पर्व का महीना शुरू होने के साथ ही मुंबई में प्याज की कीमतें जल्द ही 100 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच सकती हैं।
कृषि उपज मंडी समिति (प्याज एवं आलू) के प्रमुख अशोक वालुंज ने आईएएनएस से कहा, “वर्तमान में प्याज का थोक मूल्य 55 रुपये प्रति किलोग्राम है, जिसमें अगले कुछ दिनों के दौरान 15 फीसदी की औसत वृद्धि होने की संभावना है। स्वाभाविक तौर पर इसका खुदरा बाजार पर प्रभाव पड़ेगा।”
महाराष्ट्र के नासिक जिले के लासालगांव बाजार में प्याज की थोक कीमत में पिछले महीने की तुलना में इस महीने 65 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जबकि पिछले साल अगस्त की तुलना में 117 फीसदी।
फाउंडेशन ने कहा, “दिल्ली के बाजार में प्याज की थोक कीमत में पिछले महीने की तुलना में लगभग 52 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जबकि पिछले साल अगस्त की तुलना में 63 फीसदी।”
केंद्रीय कृषि मंत्रालय की पहल एजीमार्कनेट पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, सामान्य साइज के प्याज की पूरे भारत में औसत कीमत पांच हजार रुपये प्रति क्विंटल, जबकि बड़े आकार के प्याज की कीमत 6,800 रुपये प्रति क्विंटल है।
महाराष्ट्र के स्थानीय विक्रेताओं के मुताबिक, अनियमित बारिश तथा यातायात संबंधी मसलों के कारण प्याज की कीमतों में उछाल आया है। कीमतों के अभी और ऊपर जाने की संभावना है।
नई दिल्ली के आजादपुर मंडी में प्याज के एक विक्रेता ने आईएएनएस से कहा, “पिछले सप्ताह बारिश के कारण मेरा अधिकांश प्याज खराब हो गया। हम प्रतिदिन प्याज को मंडी ढोकर नहीं ला सकते, इसलिए हम प्याज का भंडारण यहीं करते हैं।”
गृहिणियों का आरोप है कि जमाखोरी और कालाबाजारी के कारण प्याज की कीमतों में इजाफा हो रहा है।
लखनऊ के निराला नगर में रहने वाली सेवानिवृत्त चिकित्सक बीना शर्मा ने आईएएनएस से कहा, “प्याज की कीमतों से हमारे घर का बजट एक बार फिर बिगड़ गया है। मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद हम बेहद आशान्वित थे, लेकिन कीमतें बढ़ रही हैं, जिससे हमें निराशा है।”
कुछ महिलाओं ने तो प्याज का इस्तेमाल ही कम कर दिया है।
शिमला में एक गृहिणी अर्चना भारती ने कहा, “मैं हर सब्जियों में प्याज का इस्तेमाल करती हूं, लेकिन इसकी बढ़ी कीमतों के कारण मैं बिना प्याज के ही सब्जी बनाने को मजबूर हूं।”
प्याज की बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण को लेकर कुछ न करने पर मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, “जरूरी वस्तुओं की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी से आम आदमी ठगा सा महसूस कर रहा है।”
बिजनेस
जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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