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प्रादेशिक

बिलासपुर नसबंदी कांड : अब 3 महिलाएं लापता!

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रायपुर। बिलासपुर के कानन पेंडारी में हुए नसंबदी ऑपरेशन शिविर में दर्जन भर महिलाओं की मौत हो गई थी। अब इसी शिविर को लेकर एक नया मामला सामने आया है। शिविर में नसबंदी कराने वाली 83 में से 3 महिलाएं लापता बताई जा रही हैं। तीनों लापता महिलाओं को लेकर जिला प्रशासन के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग में भी हड़कंप मचा हुआ है। बिलासपुर के जिलाधिकारी सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने मामले की जांच कराए जाने की बात कही है।

कानन पेंडारी नसबंदी शिविर में जिन 83 महिलाओं की नसबंदी की गई थी, उनमें से 80 के बारे में तो विभाग को जानकारी है, लेकिन तीन महिलाओं के बारे में कोई जानकारी फिलहाल नहीं मिल पाई है।

शिविर में ऑपरेशन करवाने वाली जिन 83 महिलाओं की सूची में तीनों महिलाओं- राधा बाई पति राकेश धुरी मंगला, कुमारी पति राधेश्याम मंगला, रानी पति महेश- का नाम है उसमें दर्ज पते के आधार पर की गई पड़ताल में जिला प्रशासन को इन महिलाओं की कोई जानकारी नहीं मिल पाई है।

अब स्वास्थ्य विभाग पर नसबंदी शिविर में लक्ष्य पूरा करने के लिए फर्जी तरीके से अज्ञात महिलाओं का नाम सूची में डालने के आरोप लग रहे हैं।

मामला इसलिए ज्यादा गंभीर हो गया है कि क्योंकि कानन पेंडारी में भर्ती 83 महिलाओं में से 12 और पेंड्रा की एक बैगा आदिवासी महिला को मिलाकर कुल 13 महिलाओं की मौत की पुष्टि स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई है। लेकिन अब इन तीन महिलाओं के बारे में कुछ भी जानकारी नहीं मिलने से जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की एक बार फिर किरकिरी हो रही है।

बिलासपुर के जिलाधिकारी सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने कहा, “फिलहाल वे कहां हैं, यह बताना मुश्किल है। ये महिलाएं कौन हैं और कहां की हैं, यह पता लगाने के आदेश दिए गए हैं।”

कोटा उप मंडलाधिकारी फारिहा आलम सिद्दिकी ने कहा, “महिलाओं के बारे में संबंधित गांवों में पता लगाने की कोशिश की गई, लेकिन तीनों महिलाओं का कोई पता नहीं चल सका है।”

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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