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यूपी : विद्युत निगम को आयोग से करारा झटका

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद द्वारा दाखिल जनहित प्रत्यावेदन पर विद्युत नियामक आयोग ने स्वत: संज्ञान लेते हुए अन-मीटर्ड घरेलू, शहरी व ग्रामीण विद्युत उपभोक्ताओं से नारमेटिव बिलिंग के आधार पर की जा रही जबरन वसूली के मामले में शुक्रवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया।

आयोग के अध्यक्ष देश दीपक वर्मा व सदस्य आई.बी. पांडेय ने अपने आदेश में उप्र विद्युत निगम पर सख्त नाराजगी जताते हुए कहा कि पावर कापोर्रेशन द्वारा जिन उपभोक्ताओं से मीटर का मूल्य ले लिया गया और उनके यहां मीटर न लगाकर शहरी घरेलू उपभोक्ताओं से 155 यूनिट प्रति किलो वाट प्रति माह व ग्रामीण घरेलू उपभोक्ताओं से 108 यूनिट प्रति किलो वाट प्रति माह की वसूली हो रही है, वह गलत है।

आयोग के आदेश के अनुसार, अब ग्रामीण घरेलू अन-मीटर्ड लगभग 50 लाख विद्युत उपभोक्ताओं से केवल आयोग द्वारा तय टैरिफ के मुताबिक जो 180 रुपये प्रति किलो वाट प्रति माह लेने का आदेश है, उतनी ही वसूली होगी। ग्रामीण उपभोक्ताओं पर नामेटिव बिलिंग का कोई आदेश नहीं लागू होगा। इसके साथ ही शहरी क्षेत्र के ऐसे घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं जिनके यहां दो माह में मीटर लगना था और नहीं लग पाया, उनके यहां हर हाल में अब 31 अक्टूबर तक मीटर लगाना होगा।

आयोग द्वारा पावर कापोर्रेशन के 155 यूनिट प्रति किलो वाट प्रति माह के आदेश को ज्यादा करार देते हुए उसे खारिज कर दिया गया, उसमें 30 प्रतिशत की कटौती की गई। अब केवल 70 प्रतिशत वसूली करने का अधिकार होगा, यानी घरेलू शहरी विद्युत उपभोक्ताओं से अब आगे केवल 108 यूनिट प्रति किलो वाट प्रति माह ही वसूला जाएगा।

उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि आयोग ने अपने आदेश में यह प्राविधान भी किया कि जिस उपभोक्ता के यहां मीटर लग जाएगा, उसकी तीन महीने की मीटर रीडिंग के औसत के आधार पर विद्युत वितरण संहिता के अनुसार जितने भी महीने अन-मीटर्ड मानकर 155 यूनिट प्रति किलो वाट व 108 यूनिट प्रति किलो वाट की वसूली की गई है, उसे संशोधित कर दिया जाएगा।

उदाहरण के तौर पर यदि किसी उपभोक्ता का औसत बिल मीटर के अनुसार 100 यूनिट प्रति किलो वाट प्रति माह आता है तो उससे ज्यादा वसूली गई 55 यूनिट प्रति किलो वाट प्रति माह के मूल्य की वापसी उसके बिल में कर दी जाएगी। आयोग ने अपने आदेश में यह भी व्यवस्था दी है कि जिन विद्युत उपभोक्ताओं द्वारा मीटर का मूल्य बिजली कंपनियों को दे दिया गया है, बिजली कंपनियों द्वारा उनके यहां मीटर नहीं लगाया गया, उन्हें बाजार से मीटर खरीद कर मीटर लगाने का अधिकार दिया जाए। बिजली कंपनियां बाजार में मीटर बेचने के लिए मीटर निमार्ताओं को अधिकृत करें। जिन विद्युत उपभोक्ताओं द्वारा मीटर का मूल्य कम्पनियों को दिया गया और यदि उनके द्वारा मीटर बाजार से खरीद कर लगवाया जाता है, तो उनसे लिया गया मीटर का मूल्य बिजली कंपनियों को उनके 6 माह के बिलों समायोजित करना होगा।

उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहा कि आयोग ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि यदि आगे से नए कनेक्शन में अब किसी विद्युत उपभोक्ता के यहां बिना मीटर के कनेक्शन दिया गया तो उस कंपनी के खिलाफ विद्युत अधिनियम की धारा 142 के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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नेशनल

दिल्ली के आसमान में छाई धुंध, AQI 400 के पार, लोगों को सांस लेने में हो रही मुश्किल

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नई दिल्ली। नवंबर का महीना आधा बीत चुकी है, बावजूद इसके इस बार दिल्ली में सिर्फ सुबह और शाम को ही ठंड का अहसास हो रहा है। सुबह-शाम की के समय पड़ रही सर्दी में प्रदूषण का स्तर बेहद खराब हो गया है, जिससे लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत हो रही है। हवा की गुणवत्ता को सुधार करने के लिए दिल्ली में ग्रेप-3 लागू किया गया है, लेकिन इससे भी दिल्ली की हवा में कोई खास फर्क नजर नहीं आ रहा है और ये लगातार जहरीली होती जा रही है।

इस बीच रविवार को दिल्ली में वायु का गुणवत्ता सूचकांक 400 के पास निकल गया। इस दौरान राजधानी के दस से ज्यादा इलाकों में हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर दर्ज की गई। बता दें कि दिल्ली में फिलहाल GRAP-3 लागू हैं, बावजूद इसके राष्ट्रीय राजधानी की हवा साफ नहीं हो रही. ऐसे में वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए किए जा रहे उपाय बेकार नजर आ रहे हैं।

दिल्ली के इन इलाकों में एक्यूआई 400 पार

रविवार सुबह दिल्ली-एनसीआर में एक बार फिर से धुंध छाई नजर आई. इस दौरान द्वारका-सेक्टर 8 और दिल्ली डीपीसीसी द्वारका में एक्यूआई 443 दर्ज किया गया। जबकि एनएसआईटी द्वारका में वायु गुणवत्ता सूचकांक 406 रहा। वहीं पश्चिमी दिल्ली में AQI 426 और डीपीसीसी पश्चिमी दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 406 पहुंच गया. वहीं शादीपुर में ये 457, शिवाजी पार्क में 448 और भीम नगर के साथ मुंडका इलाके में वायु गुणवत्ता सूचकांक सबसे ज्यादा 465 दर्ज किया गया।

उधर दिल्ली दुग्ध योजना कॉलोनी में एक्यूआई 430, आरके पुरम में 435, श्री अरबिंदो मार्ग में 436, आया नगर में 423 तो लोधी रोड में वायु की गुणवत्ता 378 दर्ज की गई. जबकि नजफगढ़ एक्यूआई 399, वजीरपुर 463, चांदनी चौक 368 दर्ज किया गया. वहीं गोकलपुरी 375, अशोक विहार 449, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में एक्यूआई 366, रोहिणी 449 और आईटीओ में 410 दर्ज किया गया. जो बेहद खराब श्रेणी में बना हुआ है।

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