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प्रादेशिक

प्याज हो सकता है और महंगा

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लखनऊ। अपने महंगे दामों के कारण कई बार संसद तक में चर्चा का विषय बन चुका प्याज एक बार फिर लोगों को रुलाने पर अमादा है। बाजार में प्याज के दामों में बेतहाशा वृद्धि हुई है, अभी और बढ़ने की संभावना है।

अभी कुछ दिन पहले थोक कारोबारियों ने प्याज के दाम 20 से 30 रुपये प्रति किलो किए थे। इसके बाद इसमें इजाफा हुआ और ये बढ़कर 40 रुपये तक पहुंच गया। लोग अंदेशा जता रहे थे कि कहीं प्याज के दाम उन्हें रुला ही न दें और हुआ भी यही। अब हालत ये है कि इसके दामों में अचानक और उछाल आ गया है। अब यही प्याज 60 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है।

दुबग्गा सब्जी मंडी संघ के अध्यक्ष और टमाटर के बड़े व्यापारी नजमुद्दीन राइनी ने बताया कि इसके अलावा अन्य सब्जियों के दाम भी अचानक बढ़ने लगे हैं। अभी कुछ दिन पहले जो हरी मटर 40 रुपये किलो बिक रही थी आज उसके दाम 60 रुपये किलो तक पहुंच गए हैं।

बंदगोभी जो 8 रुपये प्रति पीस पूरे बाजार में कोई खरीद नहीं रहा था, उसके दाम भी चढ़कर 15 से 18 रुपये हो गए हंै। उन्होंने बताया कि इन सबके अलावा टमाटर के दाम पहले से लोगों को सता रहे हंै। हालत ये है कि टमाटर के भाव 40 रुपये प्रति किलो से नीचे आ ही नहीं रहे हैं। इसको देखते हुए कई परिवारों ने तो टमाटर से ही तौबा कर ली है और घरों में उसके विकल्प तलाशे जा रहे हैं।

राइनी ने बताया कि बाहर से आने वाली सब्जियों के नहीं आ पाने से भी सब्जियों के दामों में बढ़ोतरी होती है। उधर, प्याज के दामों में इजाफा के बाद कालाबाजारी करने वाले लोगों की पौ-बारह है। वे बाजार का रुख भांपते हुए प्याज के भंडारण में जुट गए हैं, जिससे मौके का फायदा उठाकर ज्यादा मुनाफा कमाया जा सके।

प्याज के दामों में अचानक आए इस उछाल के पीछे बेंगलुरू से आने वाले प्याज की आवक में कमी बताई जा रही है। अगर ये सिलसिला जारी रहा है तो प्याज 100 रुपये किलो तक पहुंच सकता है और लोगों को एक बार फिर पुराने दिनों की याद आ सकती है।

 

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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