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प्रादेशिक

एम्स हॉस्टल में छात्रा ने की आत्महत्या

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नई दिल्ली। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के महिला छात्रावास में मेडिकल की एक 17 वर्षीय छात्रा अपने कमरे में रविवार सुबह मृत पाई गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। छात्रा ने कमरे के पंखे से फांसी लगाकर आत्महत्या की।

पुलिस ने कहा कि इस घटना की खबर छात्रावास की अन्य छात्राओं ने उन्हें रात करीब ढाई बजे दी और छात्राओं ने छात्रावास प्रशासन को भी इस बारे में सूचित किया। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, “कमरा अंदर से बंद था, हमने दरवाजा तोड़ा और खुशबू को पंखे से लटकते पाया। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।” इस बीच, एम्स के अधिकारियों ने छात्रा के परिवार को उसकी मौत की खबर दी और इसके साथ ही संस्थान ने आत्महत्या के पीछे के सही कारण का पता लगाने के लिए एक आंतरिक जांच शुरू कर दी है।

एम्स के प्रवक्ता अमित गुप्ता ने यहां जारी बयान में कहा, “छात्रा खुशबू चौधरी का शव परिसर में स्थित महिला छात्रावास में उनके कमरे में लटकता हुआ पाया गया। मृतक ने हाल ही में एमबीबीएस पाठ्यक्रम प्रथम वर्ष में दाखिला लिया था।” एम्स प्रशासन ने प्रारंभिक जांच में रैगिग की संभावना से इंकार किया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। पुलिस ने सुराग के लिए मृतक का मोबाइल कब्जे में ले लिया है। हालांकि उसके कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।”

खुशबू के दोस्तों के अनुसार वह काफी खुश मिजाज लड़की थी और शनिवार का दिन अपने दोस्तों, खरीदारी और घूमने-फिरने में बिताती थी। मृतक की एक सहेली ने पुलिस को बताया कि आत्महत्या की घटना से कुछ घंटे पहले तक वह उनके साथ सामान्य व्यवहार कर रही थी। मृतक राजस्थान के बीकानेर की निवासी थी। उसने जुलाई में संस्थान में दाखिला लिया था।

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उत्तर प्रदेश

सुप्रीम कोर्ट के बुलडोजर एक्शन पर रोक के फैसले का मौलाना अरशद मदनी ने किया स्वागत

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नई दिल्ली। बुलडोजर एक्शन को लेकर सुप्रीम फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कानूनी प्रक्रिया अपनाए बिना बुलडोजर एक्शन पर रोक लगा दी है। साथ ही कोर्ट ने यह भी बताया है कि अगर कोई अनधिकृत निर्माण किया गया है तो ऐसे केस में यह फैसला लागू नहीं होगा। कोर्ट ने कहा, घर बनाना संवैधानिक अधिकार है। राइट टू शेल्टर मौलिक अधिकार है।

मौलाना अरशद मदनी ने किया फैसले का स्वागत

कोर्ट के इस फैसले का जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने स्वागत किया है। मौलाना अरशद मदनी ने कहा, कोर्ट ने बिल्कुल सही स्टैंड अपनाया है। यह जमीयत उलेमा हिंद की बड़ी उपलब्धि है। हम मुबारकबाद देते हैं उन जजों को जिन्होंने लोगों की दिल की बात को सुना है, उनकी परेशानियां अपनी परेशानी समझी है। खुदा करें हमारे देश में इसी तरह गरीबों को सही हक देने के फैसले होते रहे। हम तो यह समझते हैं कि फैसला बहुत अच्छा आया है।

मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि, “कोई चीज वैध हो या अवैध “इसका फैसला न्यायपालिका करेगी। यहां फैसला आज सुप्रीम कोर्ट ने जमीयत उलमा-ए-हिंद की ओर से गैरकानूनी बुलडोजर कार्रवाई को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनाया है। मौलाना अरशद मदनी ने गैरकानूनी बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगाने वाले सुप्रीम कोर्ट के इस फैसला का स्वागत करते हुए कहा कि उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट के सख्त निर्देशों से बुलडोजर कार्रवाई पर लगाम लगेगी।

बता दें कि इससे पहले इसी मामले पर समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी ने बयान देते हुए कहा था कि बुलडोजर कार्रवाई करने वाले आरोपी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का जानी चाहिए।

 

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