Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

राजग की बैठक में बिहार चुनाव पर चर्चा, सीट बंटवारे पर बात नहीं

Published

on

Loading

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने सोमवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सहयोगियों के साथ बिहार चुनाव की रणनीति पर चर्चा की। लेकिन, बैठक में सीट बंटवारे के बेहद महत्वपूर्ण मुद्दे पर आधिकारिक रूप से कोई बात नहीं हुई।

बैठक के बाद लोक जनशक्ति पार्टी के नेता राम विलास पासवान ने कहा, “हमने आज (सोमवार को) एक अनौपचारिक बैठक की। एक हफ्ते के अंदर हम लोग बिहार चुनाव के लिए सीट बंटवारे पर फैसला कर लेंगे।” सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) और हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (सेकुलर) ने शाह के सामने अपनी चिंता रखी और सीट बंटवारे के मुद्दे पर जल्द फैसला लेने की मांग की।

शाह ने उन्हें साफ शब्दों में बता दिया कि पहली सितंबर को भागलपुर में प्रधानमंत्री मोदी की रैली के बाद ही सीट बंटवारे पर कोई बात होगी। विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि शाह ने सभी सहयोगियों को भरोसा दिलाया कि सीटों के बंटवारे में सभी के साथ न्याय होगा। उन्होंने सभी सहयोगियों से तमाम मुद्दों पर एक ही तरह की राय लोगों के सामने रखने को कहा। यह बैठक एलजेपी और आरएसएलपी की इस मांग के बाद हुई कि सीट बंटवारे पर जल्द से जल्द किसी नतीजे पर पहुंचा जाए।

पासवान ने जद यू, राजद और कांग्रेस की स्वाभिमान रैलो को फ्लॉप करार दिया। उन्होंने कहा कि रैली में लालू और नीतीश से पहले सोनिया गांधी को बोलने के लिए कहना उनका अपमान करना था। पासवान ने कहा, “इस रैली के बाद अब कांग्रेस और जद-यू का राजद में विलय हो जाना चाहिए।” उधर, हिन्दुस्तान अवाम मोर्चा (सेकुलर) के नेता जीतन राम मांझी ने कहा कि सितंबर के पहले हफ्ते में सीट बंटवारा हो जाएगा।

मांझी से पूछा गया कि बिहार के मुख्यमंत्री पद के लिए राजग का उम्मीदवार कौन होगा। मांझी ने कहा, “राजग में ऐसे कई योग्य नेता हैं जो मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं।” उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पद के दावेदार के बारे में अंतिम फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लेंगे। बैठक में रामविलास पासवान, उनके सांसद बेटे चिराग पासवान, आरएलएसपी के उपेंद्र कुशवाहा और हिन्दुस्तान अवाम मोर्चा (सेकुलर) के जीतन राम मांझी शामिल हुए। भाजपा की तरफ से शाह के अलावा केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार और धर्मेद्र प्रधान और भाजपा के महासचिव और बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव ने बैठक में हिस्सा लिया।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

Published

on

Loading

संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

Continue Reading

Trending