हेल्थ
टीबी की नई त्वरित जांच प्रणाली से कम होगी मृत्युदर
न्यूयार्क। जानलेवा बीमारी टीबी की दवा-रोधी किस्म का तुरंत जांच करने वाली तीन नई त्वरित जांच प्रणालियों को शोधकर्ताओं ने बिल्कुल सटीक पाया है। इन नई त्वरित जांच प्रणालियों के जरिए अब टीबी का इलाज ज्यादा प्रभावशाली होगा और मृत्युदर में कमी लाने वाला साबित हो सकता है।
अध्ययन के सह-लेखक अमेरिका की कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के सैनडिगो स्कूल ऑफ मेडिसिन में प्राध्यापक रिचर्ड गारफेन ने कहा, “हमारे अध्ययन से यह स्पष्ट हुआ है कि एक समय तक टीबी के परीक्षण में दो से तीन महीने का समय लगता था, अब वही मात्र एक दिन में किया जा सकता है।” गारफिन ने कहा, “इसका अर्थ है कि हम अब टीबी मरीजों का उपचार शीघ्र शुरू कर सकते हैं, उन्हें अप्रभावशाली दवाओं के नुकसान से बचा सकते हैं और गलत दवाओं के कारण टीबी की दवा-रोधी किस्मों को बढ़ने से रोक सकते हैं।”
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, टीबी दुनिया के सबसे घातक रोगों में से एक है। अनुमान है कि इसके कारण वर्ष 2013 में 15 लाख लोगों की मौत हुई। टीबी एचआईवी से पीड़ित लोगों की मौत का भी एक बड़ा कारण है। अध्ययन के लिए दवा-रोधी टीबी की किस्मों की जांच के लिए प्रयुक्त इन तीन नए त्वरित जांच प्रणालियों की मदद से भारत, मालदीव और दक्षिण अफ्रीका के टीबी अस्पतालों में भर्ती 1,128 रोगियों के फेफड़ों से निकले थूक और बलगम की जांच की गई।
इनमें से दो परीक्षणों में रोगाणु के डीएनए में अनुवांशिक बदलावों का पता लगाने के लिए कोशिकीय तकनीक का इस्तेमाल किया गया जो एंटीबायोटिक दवाओं के प्रति प्रतिरोधक क्षमता के बारे में जानकारी दे सके। तीसरे परीक्षण में बैक्टिरीयल कल्चर की मानक तकनीक का सस्ता और आसान विकल्प प्रयोग किया गया। इस प्रकार यह सीमित संसाधनों वाले अस्पतालों और दवाखानों के लिए भी बेहद उपयुक्त है। सबसे महत्वपूर्ण टीबी-रोधी दवाओं में से सात पर प्रतिरोध की जांच करने के लिए की जाने वाली मानक तकनीक से इन तीन नई त्वरित जांच प्रणालियों के परिणामों की तुलना की गई।
इन तुलनाओं से साबित हुआ कि तीनों नए तीव्र परीक्षण फर्स्ट लाइन और सेकेंड लाइन ओरल एंटीबायोटिक इलाजों के लिए प्रतिरोध को सटीकता से जांच सकते हैं। इंजेक्शन के माध्यम से दिए जाने वाले एंटीबायोटिक्स के लिए प्रतिरोध जांचने में ये कम सटीक लेकिन फिर भी बेहद कारगर रहे। यह अध्ययन शोध पत्रिका प्लॅस वन के ऑनलाइन संस्करण में प्रकाशित हुए हैं।
लाइफ स्टाइल
सुबह डल नजर आता है चेहरा, तो अपनाएं ये आसान घरेलू उपाय
नई दिल्ली। सुबह उठने के बाद अक्सर लोगों का चेहरा डल नजर आता है, तो आपको कुछ छोटे-छोटे उपाय करने चाहिए जिससे कि आपको इस प्रॉब्लम से छुटकारा मिल सके। रात के समय अगर आप कुछ टिप्स को फॉलो करके सोते हैं, तो फिर सुबह आपकी स्किन काफी दमकती हुई नजर आएगी।
आपकी स्किन अगर ऑयली है, तो आप रात के समय चेहरा धोने के बाद एलोवेरा जेल से मसाज करके सोएं। इससे आपका चेहरा सुबह उठने पर काफी ग्लोइंग नजर आएगा।
मेकअप उतारकर सोएं
आप अगर मेकअप के साथ ही सो जाते हैं, तो इससे आपका चेहरा डल नजर आने लग जाता है। साथ ही रात के समय मेकअप में मौजूद केमिकल्स आपकी स्किन पर रिएक्ट भी कर सकते हैं। ऐसे में बहुत जरूरी है कि पिम्पल्स से बचाव के लिए मेकअप उतारकर सोएं।
रात को चेहरे पर सीटीएम जरूर करें
चेहरे को ग्लोइंग बनाने और डलनेस दूर करने के लिए सीटीएम रूटीन को फॉलो करें। इसके लिए रात को सोने से पहले आपको चेहरा क्लींजर से साफ करना है, फिर टोनिंग करने के बाद मॉश्चराइजर लगाना है।
चेहरे पर फेसमॉस्क लगाकर न सोएं
कई ऐसे प्रॉडक्ट होते हैं जिन पर लिखा होता है कि यह नाइट ग्लोइंग पैक की तरह काम करते हैं और आप इसे रात में लगाकर सो सकते हैं लेकिन हर किसी की स्किन पर यह प्रॉडक्ट सूट नहीं करते हैं, इसलिए रात को कोई भी फेसमास्क लगाकर न सोएं।
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