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प्रादेशिक

झाबुआ विस्फोट : आरोपी को कांग्रेसी व भाजपाई बताने की होड़

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भोपाल। मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में हुए विस्फोट और 88 लोगों की मौत के गुनहगार राजेंद्र कासवा पर राजनीति तेज हो गई है और उसे अब कांग्रेस तथा भारतीय जनता पार्टी से जुड़ा होने की बताने की होड़ मच गई है। दोनों ही दल अपने आरोप और दावे को पुष्ट करने के साक्ष्य भी पेश करने में जुट गए हैं। झाबुआ के पेटलावद में हुए विस्फोट की मुख्य वजह विस्फोटक पदार्थो के संग्रह को माना जा रहा है और यही कारण है कि विस्फोटक संग्रह करने वाले राजेंद्र कासवा को मुख्य आरोपी बनाए जाने के साथ उस पर एक लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया गया है। पुलिस लगातार विभिन्न स्थानों पर दबिश देकर कासवा को तलाश रही है, लेकिन उसके हाथ अब तक खाली हैं।

कासवा भले ही पुलिस के हाथ न आया हो, लेकिन उसे कांग्रेस और भाजपा नेता ठहराने की होड़ मच गई है। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव ने कासवा को भाजपा के व्यापारिक प्रकोष्ठ से जुड़ा बताया तो भाजपा के प्रदेषाध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान ने उसे कांग्रेस का करीबी बताया। चौहान ने कासवा को कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष व पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया के बेटे विक्रांत भूरिया का फेसबुक मित्र बताया। इस पर विक्रांत ने साफ किया कि जो राजेंद्र कासवा उनका मित्र है, वह झाबुआ निवासी है और उसके पिता कारोबारी हैं। अपने मित्र राजेंद्र को विक्रांत ने मीडिया के सामने पेश भी किया। वहीं, चौहान के खिलाफ मानहानि का दावा करने की बात कही।

अब कांग्रेस की ओर से प्रवक्ता जे. पी. धनोपिया ने सोशल मीडिया पर एक ऐसी तस्वीर जारी की, जिसमें कासवा को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के गणवेश (परिधान) में दिखाया गया है। इसे भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष चौहान ने ‘कुरचित’ तस्वीर करार दिया। यहां तक कि उन्होंने संघ को राष्ट्रभक्त संगठन करार देते हुए पंडित जवाहर लाल नेहरू की भी संघ के गणवेश में एक तस्वीर जारी कर दी।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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