मुख्य समाचार
सूचना प्रौद्योगिकी के सामने भारी सुरक्षा चुनौतियां
बेंगलुरू| प्रौद्योगिकी विकास के इस युग में सूचना प्रौद्योगिकी की सुरक्षा की भारी चुनौतियां हैं। एक साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ ने यह बात यहां 29-30 सितंबर को आयोजित होने वाले साइबर सुरक्षा सम्मेलन से पूर्व कही। प्रौद्योगिक उद्यम सिनर्जिया फाउंडेशन प्रमुख निर्णायकों, सरकार और अन्य सभी को जागरूक करने के लिए 29-30 सितंबर को दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा सम्मेलन ‘साइबर 360-सिनर्जिया कॉन्क्लेव’ का आयोजन कर रहा है। सिनर्जिया फाउंडेशन के अध्यक्ष टोबी सिमोन ने कहा, “इंफोसिस के एक सह संस्थापक ने मुझे बताया कि अगर टीसीएस, विप्रो और इंफोसिस जैसी बड़ी साइबर कंपनियां हैकर्स द्वारा आंकड़ों की चोरी से खुद को सुरक्षित नहीं रख सकतीं तो छोटी भारतीय कंपनियां यह कैसे कर सकती हैं।”
सिमोन ने कहा कि मोबाइल, सोशल मीडिया, क्लाउड और बिग डाटा सूचना प्राद्यौगिकी की दुनिया में निरंतर बदलाव ला रहे हैं। हर छह माह में साइबर सुरक्षा की बदलती दुनिया में सुरक्षा की गंभीर चुनौतियां और नए खतरे पैदा करके यह बाजार, व्यापार मॉडल और लोग जिस प्रकार सूचना प्राप्त करते हैं, उसमें बदलाव ला रहा है। सिमोन ने अमेरिकी संगठनों टार्गेट और एशले मैडीसन द्वारा हैकिंग और आंकड़ों की चोरी का भी उदाहरण दिया, जिसमें लाखों उपभोक्ताओं के निजी आंकड़े चोरी हुए, जिसके बाद देश की सुरक्षा को खतरे के मद्देनजर उनके कार्यकारी अध्यक्षों ने इस्तीफे दे दिए थे।
सिमोन ने भारतीय परिप्रेक्ष्य में मार्च 2015 की एक घटना का उदाहरण दिया, जिसमें सेना प्रमुख और 50,000 सेना अधिकारियों की निजी सूचना खतरे में पड़ गई थी। साथ ही सिमोन ने सूचना प्रौद्योगिकी की दुनिया पर हर पल मंडराते खतरे पर जोर दिया। सिमोन ने कहा, “इनसे सुरक्षा के तरीकों को विकसित करना बेहद जरूरी हो गया है, जो कि व्यक्तिगत, संस्थागत और सरकारी निहितार्थ सुरक्षा प्रदान कर सके।”
मुख्य समाचार
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत
पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।
AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.
शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव
अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।
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