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प्रादेशिक

नवाबों के शहर के लिए नया एप ‘माइ लखनऊ, माइ प्राइड’

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लखनऊ। सूबे की राजधानी व नवाबों के शहर लखनऊ में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हुसैनाबाद ट्रस्ट और जिला प्रशासन की ओर से नया एप ‘माइ लखनऊ, माइ प्राइड’ लांच किया जाएगा। मगर अभी नहीं, दिसंबर में। इस एप पर शहर में घूमने लायक स्थानों का ब्योरा, फोटो, वीडियो और हेल्पडेस्क उपलब्ध होगा। प्रशासन के अधिकारियों की मानें तो पुराने लखनऊ और स्मारकों के मेकओवर का काम मार्च, 2016 तक हर हाल में पूरा कर लिया जाएगा। लखनऊ के जिलाधिकारी राजशेखर ने यह डेडलाइन ‘विश्व पर्यटन दिवस’ के मौके पर हुसैनाबाद ट्रस्ट की ऐतिहासिक इमारतों के भ्रमण के समय तय की।

इस दौरान उनके साथ जिला प्रशासन, हुसैनाबाद एंड एलाइड ट्रस्ट (एचएटी) और आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) के अधिकारी भी शामिल थे। राजशेखर ने स्मारकों पर सुविधाओं को और बेहतर बनाने के लिए वहां आए पर्यटकों से भी बात की। इस दौरान विजिटर्स से भी पूछा गया कि कौन सी सुविधाएं यहां स्मारकों पर होनी चाहिए।

राजशेखर ने कहा कि पुराने शहर में चल रहे कामों की निगरानी भी की जाएगी। बड़ा इमामबाड़ा पर मडर्न टॉयलेट, मॉडर्न टिकट काउंटर, सीसीटीवी कैमरा लगाने के काम भी फरवरी 2016 तक पूरा कर लिया जाएगा। स्मारकों पर पर्यटकों को सुविधाएं देने के लिए बड़ा इमामबाड़ा, छोटा इमामबाड़ा, पिक्चर गैलरी पर ठंडे पानी के कोल्ड फिल्टर वाटर प्लांट लगाए जाएंगे।

वहीं पुराने लखनऊ में केजीएमयू से लेकर छोटा इमामबाड़ा, घंटाघर, पिक्च र गैलरी तक साइकिल ट्रैक बनेगा। हुसैनाबाद ट्रस्ट साइकिल ट्रैक बनने के बाद 100 फ्री साइकिल कियोस्क भी बनाएंगे। यहां से पर्यटकों को फ्री में साइकिल मिलेगी। दो या तीन घंटे के लिए यह साइकिल अपनी फोटो आईडी जमा करने पर ली जा सकेगी। यह सुविधा बड़ा इमामबाड़ा पर शुरू की जानी तय हुई है।

बिजली की खपत कम करने के साथ पर्यावरण सुरक्षा के लिए भी सभी स्मारकों से ट्यूबलाइट और सीएएफएल हटाने का फैसला लिया गया है। अब यहां केवल एलईडी लाइट ही लगाई जाएंगी। स्मारकों का आकर्षण बढ़ाने के लिए एक एचएटी मन्यूमेंट्स अडियो विजुअल थिएटर भी बनाया जाएगा। इसमें शार्ट फिल्म और क्लिप दिखाई जा सकेंगी। इसकी मदद से स्मारकों पर फोटो प्रदर्शनी और शो आयोजित किए जाएंगे। इन स्मारकों पर दिसंबर 2016 तक ‘लाइट एंड साउंड शो’ शुरू करने की भी योजना है।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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