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जलजले में उजड़े नेपाल को संवार रहीं नन

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काठमांडू| तिब्बत के प्राचीन समाज की ननों ने अप्रैल में नेपाल में विनाशकारी भूकंप को झेला था। उस भूकंप की कड़वी यादों को भुला वे अब प्रभावित ग्रामीणों को फिर से बसने में मदद कर रही हैं।

‘द्रुक अमिताभ माउंटेन’ मठ की 300 कुंग फू नन भूकंप में तबाह हुए घरों की मरम्मत कर नौ गांवों के लोगों की मदद के लिए आगे आई हैं। इस मठ की स्थापना 1,000 साल पुराने द्रुक्पा समाज के 12वें आधात्मिक गुरु ग्यालवंग द्रुक्पा ने की थी।

मठ के करीब स्थित कल्लाबाड़ी गांव की निर्माया तमांग उन खुशनसीब लोगों में से एक हैं, जिन्हें जल्द अपना एक नया घर मिलने वाला है।

निर्माया ने संवाददाता को बताया, “इन ननों ने मेरे घर की मरम्मत कर हमारी बहुत मदद की है।”

निर्माया का घर काठमांडू जिले की नागार्जुन नगर पालिका में पड़ता है, जो भूकंप के कारण खंडहर में तब्दील हो चुका है। उन्होंने कहा कि ननों ने उन्हें पूर्व में अस्थायी तंबू और चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई थी।

उन्होंने कहा, “वे अब घरों की मरम्मत में आर्थिक रूप से मदद कर रही हैं। वे नए घरों को भूकंपरोधी कैसे बनाया जाए, इस दिशा में तकनीकी जानकारी भी उपलब्ध करा रही हैं।”

निर्माया ने नम आंखों के साथ बताया कि 25 अप्रैल को आए उस विनाशकारी भूकंप में उन्होंने अपना पति और बेटी खो दी। 7.9 तीव्रता वाले उस जलजले में 8,800 से ज्यादा लोग मारे गए थे।

ग्यालवंग द्रुक्पा के अंतर्राष्ट्रीय फाउंडेशन ‘लिव टू लव’ ने 201 भूकंपरोधी मकान बनाने की घोषणा की है।

लिव टू लव फाउंडेशन की गृह निर्माण अभियान की प्रबंधक जिग्मे रिग्जिन ने कहा, “गोद लिए नौ गांवों में सभी घर निर्माण के विभिन्न चरणों में हैं। हम उनका निर्माण समुदाय की भागीदारी के जरिए करा रहे हैं।”

छोटे कद वाली बुजुर्ग तुल्की तमांग (73) ने रुं धी आवाज में कहा, “यह मेरा घर था।”

उन्होंने कहा कि वे लोग भूकंप से पूर्व एक सुकून भरी जिंदगी जी रहे थे।

खेतिहर मजदूर सिहध्वज तमांग अपने नए घर में आकर रहने लगा है।

उसने कहा, “भूकंप के बाद से हम अस्थायी घर में रह रहे थे। हमें अब जाकर नया घर मिला है, जो नालीदार छतों और क्षतिग्रस्त हुई संपत्ति से निकाली गई लकड़ी जैसी चीजों का उपयोग कर बनाया गया है।”

मठ की ननें लोगों को गाड़ी चलाने, नालियां ठीक करने और बिजली के काम का भी प्रशिक्षण दे रही हैं।

नेपाल जोखिम आपदा न्यूनीकरण पोर्टल के मुताबिक, जलजले में देश में 6,02,257 निजी घर पूरी तरह, जबकि 2,85,099 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए थे।

 

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‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना से 82,120 बालिकाओं को खेल में निपुण बनाएगी योगी सरकार

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में पढ़ने वाली 82,120 बालिकाओं की खेल प्रतिभाओं को राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने का प्रयास तेज कर दिया है। सरकार इस उद्देश्य को ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू कर साकार करेगी।

बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह के नेतृत्व में इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को विशेषज्ञ प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस योजना से बालिकाएं खेल में निपुण होने के साथ-साथ शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास भी प्राप्त करेंगी, जिससे वे समाज में एक सशक्त पहचान बना सकेंगी।

उत्तर प्रदेश के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में बालिकाओं की खेल प्रतिभा को निखारने और उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर उभारने के उद्देश्य से ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू की गई है। इस योजना का उद्देश्य पिछड़े और वंचित समुदायों की बालिकाओं को खेल के क्षेत्र में विशेष कौशल प्रदान करना है। इसके अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को खेल विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा। यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रत्येक जनपद के दो केजीबीवी में आरंभ की जाएगी और सफल होने पर इसे अन्य विद्यालयों में भी विस्तार दिया जाएगा।

राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है उद्देश्य इस योजना का मुख्य उद्देश्य केजीबीवी में अध्ययनरत 82,120 छात्राओं को खेलों में प्रशिक्षित कर राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है। यह योजना छात्राओं को न केवल खेल किट और आधारभूत प्रशिक्षण प्रदान करेगी, बल्कि विभिन्न प्रतियोगिताओं में जनपद और राज्य स्तर पर चयनित करने की प्रक्रिया भी सुनिश्चित करेगी।

विद्यालय में खेल का चयन ऐसे होगा

प्रत्येक विद्यालय में एक खेल समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें वार्डन, व्यायाम शिक्षिका, खेल प्रभारी और दो खिलाड़ी छात्राएं होंगी। यह समिति छात्राओं की रुचि और उपलब्ध संसाधनों के आधार पर एक खेल का चयन करेगी। चयनित खेल में प्रशिक्षण देने के लिए योग्य महिला प्रशिक्षक नियुक्त की जाएगी। आवश्यकतानुसार, बाहरी खेल प्रशिक्षकों की सहायता भी ली जा सकेगी।

विशेष प्रशिक्षण और स्वास्थ्य पर रहेगा विशेष ध्यान

योजना के अंतर्गत, खेल गतिविधियों के संचालन के लिए एक निर्धारित समय सारिणी होगी, जिसमें प्रशिक्षक छात्राओं को खेल की बारीकियां सिखाएंगे। बेहतर स्वास्थ्य के लिए पोषण और स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे, जिसमें छात्राओं को आहार, पोषण और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाएगा। बालिकाओं का स्वास्थ्य परीक्षण भी समय-समय पर किया जाएगा।

समाज और विभागीय सहयोग लिया जाएगा

पूर्व राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को भी बुलाकर छात्राओं को प्रेरित किया जाएगा। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली बालिकाओं को स्थानीय स्तर पर पुरस्कृत भी किया जाएगा। इसके अलावा, विद्यालयों में खेल प्रतियोगिताओं के दौरान सम्मानित नागरिकों और विभागीय अधिकारियों को आमंत्रित कर छात्राओं का उत्साहवर्धन किया जाएगा।

खेल संघों और कॉर्पोरेट समूहों से भी लिया जाएगा सहयोग

योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए राज्य और राष्ट्रीय स्तर के खेल संघों के साथ कॉर्पोरेट समूहों से भी सहयोग लिया जाएगा। कॉर्पोरेट समूहों की मदद से छात्राओं के लिए आवश्यक खेल सामग्री और अन्य सुविधाएं बेहतर तरीके से उपलब्ध कराई जाएंगी।

बालिकाओं का विशेष स्थानांतरण और अभिभावकों की ली जाएगी सहमति

चयनित छात्राओं को विशेष खेल प्रशिक्षण देने के लिए तीन महीने तक नोडल केजीबीवी में रखा जाएगा। इस दौरान उनके रहने, खाने और प्रशिक्षण की पूरी व्यवस्था होगी। इसके बाद, छात्राओं को उनके मूल केजीबीवी में वापस भेज दिया जाएगा। छात्राओं के स्थानांतरण से पूर्व उनके अभिभावकों से सहमति ली जाएगी।

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