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प्रादेशिक

दादरी कांड में मुआवज़े का मामला हाई कोर्ट में

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दादरी कांड, मुआवज़े का मामला, हाई कोर्ट में, अखलाक के परिवार, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, सामाजिक कार्यकर्त्ता डॉ नूतन ठाकुर

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लखनऊ। दादरी कांड में अखलाक के परिवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा 45 लाख का मुआवजा दिए जाने का मामला इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में पहुँच गया है। सामाजिक कार्यकर्त्ता डॉ नूतन ठाकुर ने वर्ष 2013 में प्रतापगढ़ के कुंडा हत्याकांड के बाद जिया उल हक के परिवार को 50 लाख और मृतक प्रधान के परिवार को 20-20 लाख रुपये का मुआवजा देने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा हत्या के मामलों में मुआवजा के सम्बन्ध में एक स्पष्ट नीति बनाए जाने हेतु जनहित याचिका दायर किया था।

इसपर हाई कोर्ट ने सरकार से दो सप्ताह में अपनी नीति स्पष्ट करने के आदेश दिये थे। पूर्व प्रमुख सचिव (गृह) आर एम श्रीवास्तव द्वारा प्रस्तुत हलफनामे में कहा गया था कि सरकार ने पहले से ही नीतियाँ बना रखी है जिसमे विशेष जोखिम कार्यों में सरकारी सेवक की मृत्यु के मामलों में 15 लाख की अनुग्रह राशि का प्रावधान है और मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से निर्धन परिवार के कमाऊ सदस्य की मौत पर अधिकतम 5 लाख सहायता देने की व्यवस्था है, पर मुख्यमंत्री विवेकानुसार इससे अधिक धनराशि दे सकते हैं। हलफनामे के अनुसार सरकार ने जिया उल हक को अनुग्रह धनराशि और मुख्यमंत्री के विवेक से और प्रधान परिवार को विवेकाधीन कोष से पैसे दिये।

डॉ ठाकुर ने आज इस याचिका में कोर्ट के सामने एक प्रार्थनापत्र प्रस्तुत करते हुए कहा कि इस याचिका के बाद भी सरकार उसी प्रकार मनमाने तरीके से मुआवजा दे रही है जैसा जागेन्द्र सिंह और अख़लाक़ कांड में देखा गया, अतः कोर्ट इस मामले में शीघ्र सुनवाई करते हुए मुख्यमंत्री के स्तर पर हो रहे इस मनमानेपं पर अंकुश लगाये।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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